पंजाबी सिख परिवार में जन्मीं तापसी पन्नू तमिल, तेलुगु, मलयालम सिनेमा में धूम मचाने के बाद अब बॉलीवुड में तहलका मचाने जा रही हैं. उनकी पहली फिल्म 'चश्मेबद्दूर' इस हफ्ते रिलीज हो जा रही है. पेश है तापसी से खास बातचीत...
'चश्मेबद्दूर' कैसे मिली?
फिल्म मिलने से पहले मैं तकरीबन डेढ़-दो साल तक साउथ में काम कर चुकी थी. मुझे बुड्ढा होगा तेरा बाप भी ऑफर हुई थी लेकिन डेट्स की वजह से मैं कर नहीं सकी. लेकिन चश्मेबद्दूर के लिए बाकायदा मेरा लुक टेस्ट हुआ और डेविड धवन ने मुझे चुन लिया. उन्होंने मुझ से कहा कि जैसी तुम हो वैसी ही नजर आना. असल जिंदगी की तापसी ही उन्हें स्क्रीन पर चाहिए थी.
फिल्मों में आने के बारे में कैसे सोचा?
चार-साल पहले मैंने कुछ नहीं सोचा था क्योंकि मेरे पास कई तरह के प्लांस थे. वैसे भी मुझे इन्फोसिस में प्लेसमेंट मिल गई थी. एमबीए-कैट क्लीयर हो गया था लेकिन 88 प्रतिशत मार्क्स थे, इसलिए दाखिला नहीं लिया क्योंकि मुझे दिल्ली या मुंबई में सीट चाहिए थी. एक साल मॉडलिंग की, लेकिन वो बोरिंग लगी. टीवी कॉमर्शियल भी किए.
शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?
मजेदार. शूटिंग गोवा में हुई है इसलिए लगा ही नहीं हम शूटिंग कर रहे हैं. ऐसा लग रहा था जैसे कोई पार्टी चल रही है. डेविड धवन मस्ती-मस्ती में ही पूरा शूट कर जाते हैं. वे दिल से एकदम बच्चे जैसे हैं.
हिंदी फिल्मों में आने का फैसला कैसे किया?
मैंने इस बात को महसूस किया कि जब मैं डबिंग करके इतना अच्छा कर सकती हूं तो अपनी खुद की लैंग्वेज में क्या नहीं कर सकती.
इन दिनों बोल्डनेस की काफी डिमांड है. आपका क्या इरादा है?
और कौन-सी फिल्में साइन की हैं?
फिलहाल 'चश्मेबद्दूर' के रिलीज होने का इंतजार है. उसके बाद ही कदम आगे बढ़ाऊंगी.