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'रईस' और 'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज को लेकर MNS की नई धमकी

फवाद खान की बॉलीवुड फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' और माहिरा खान की बॉलीवुड फिल्म 'रईस' की रिलीज पर MNS ने रखी नई शर्त.

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 माहिरा खान और  फवाद खान
माहिरा खान और फवाद खान

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राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने दावा किया है कि उसके अल्टीमेटम की वजह से अब कोई पाकिस्तानी कलाकार मुंबई में मौजूद नहीं है. पार्टी का कहना है कि उसकी ओर से शाहरुख खान और करन जौहर के प्रोडक्शन हाउसे को चिट्ठी लिख कर चेताया गया है कि उनकी फिल्मों 'रईस' और 'ऐ दिल है मुश्किल' को मुंबई में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

बता दें कि 'रईस' में पाकिस्तानी एक्टर माहिरा खान और 'ऐ दिल है मुश्किल' में पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की अहम भूमिकाएं हैं. 'रईस' को शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस 'रेड चिलीज' के तले प्रोड्यूस किया जा रहा है. वही 'ऐ दिल है मुश्किल' करन जौहर के 'धर्मा पोडक्शन्स' की फिल्म है.

एमएनएस का कहना है कि पाकिस्तानी कलाकारों को मुंबई छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था. और अब सारे पाकिस्तानी कलाकार या तो सीधे या वाया दुबई पाकिस्तान लौट चुके हैं. एमएनएस की ओर से ऐसे सारे प्रोडक्शन हाउसेज को चिट्ठी भेजकर चेतावनी दी जा चुकी है कि जो पाकिस्तानी कलाकारों का फिल्मों या टीवी शोज या सीरियल्स के लिए साइन करते हैं. एमएनएस ने कहा कि अगर इस अल्टीमेटम के बाद भी कोई प्रोडक्शन हाउस पाकिस्तानी कलाकारों को काम देता है तो वो फिर एमएनएस स्टाईल विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे.

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एमएनएस के मुताबिक उसका रुख साफ है कि 'रईस' और 'ऐ दिल है मुश्किल' को मुंबई में एक ही सूरत में रिलीज होने दिया जाएगा और वो है पहले पाकिस्तानी कलाकारों के साथ फिल्म के लिए शूट किया गया हिस्सा पूरी तरह हटा दिया जाए.

एमएनएस नेता शालिनी ठाकरे ने कहा, 'जब हमारे जवानों पर हमला किया जा रहा है, जब हमारे कलाकारों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है तो पाकिस्तानी कलाकारों को यहां आकर कैसे परफॉर्म करने दिया जा सकता है. निजी तौर पर हम पाकिस्तान के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हमारे लिए राष्ट्र सबसे पहले है. पाकिस्तान को सांस्कृतिक तौर पर अलग थलग करना जरूरी है.

यही नहीं एमएनएस ने पाकिस्तानी कलाकारों का वीजा मुद्दा भी उठाया. एमएनएस ने दावा किया है कि पाकिस्तानी कलाकार टूरिस्ट की तरह आते हैं और अवैध रूप से यहां काम करते हैं. एमएनएस के मुताबिक ये मुद्दा कई बार सरकार के आगे उठाया जा चुका है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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