scorecardresearch
 

BJP नेता ने संविधान पर एक्टर से पूछा सवाल, प्रकाश ने कहा-नहीं मालूम तो जाकर पढ़िए

धर्म के नाम पर होने वाली राजनीति के मुद्दे पर हुई एक बहस में एक्टर प्रकाश राज और भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश आमने-सामने हो गए. प्रकाश राज ने मालविका से कह दिया कि यदि उन्हें संविधान नहीं मालूम तो पढ़कर आएं.

Advertisement
X
‘कर्नाटक पंचायत’
‘कर्नाटक पंचायत’

Advertisement

धर्म के नाम पर होने वाली राजनीति के मुद्दे पर हुई एक बहस में एक्टर प्रकाश राज और भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश आमने-सामने आ गए. दरअसल, बीजेपी प्रवक्ता मालविका अविनाश ने संविधान को लेकर प्रकाश राज से एक सवाल पूछा तो एक्टर ने मालविका को संविधान पढ़ने की सलाह दे दी. 

मौका था बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित इंडिया टुडे के ‘कर्नाटक पंचायत’ में हुए एक सेशन का. इसमें प्रकाश राज, कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर, बीजेपी प्रवक्ता मालविका और केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शिरकत की. बहस के के अंत में मालविका ने प्रकाश से पूछा, 'जब भारतीय संविधान लिखा गया तो उसकी प्रस्तावना क्या थी?' जवाब में प्रकाश राज ने कहा, 'यदि आपको नहीं पता तो जाकर पढ़िए.'

प्रकाश राज ने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता आप बताइये. क्या आप सब सब्जेक्ट पर आकर बात करेंगे.'  बाबुल ने भी इस पर प्रकाश राज से जवाब मांगा. इसके बाद मालविका ने कहा, 'मैं आपको बताती हूं. संविधान की प्रस्तावना में लिखा है कि भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य है.' जवाब में प्रकाश राज ने कहा, 'प्रस्तावना ये नहीं कहती कि भारत हिंदू राष्ट्र है.' मालविका बोलीं, 'ये हिंदू मुस्ल‍िम की बात नहीं कहता.'

Advertisement

जब धार्मिक कट्टरता पर एक-दूसरे से भिड़ गए मोदी के मंत्री और प्रकाश राज

इससे पहले बहस में प्रकाश राज ने हिंदुत्व और संस्कृति के सवाल पर बीजेपी पर करारा हमला बोला और कर्नाटक में बीजेपी की राजनीति के विफल होने का दावा भी किया. किस हिन्दुत्व से है दिक्कत? सवाल के जवाब में प्रकाश ने कहा, आज रीति-रिवाजों को धर्म मान लिया गया है. जिस हिंदुत्व में स्टेज पर गो-मूत्र छिड़कने की बात हो रही है इस हिसाब से उन्हें रोज एक गिलास गो मूत्र पीना चाहिए, क्योंकि ये भी तो एक मान्यता है. लेकिन आप मुझसे ऐसा करने के लिए नहीं कह सकते. प्रकाश कहा कि हर धर्म चाहे वो हिंदुत्व ही क्यों न हो, हमेशा दूसरे के प्रति सहिष्णु रहना सिखाता है.

मोदी के मंत्री बाबुल बोले- मैंने भी खाया है बीफ, कई पाकिस्तानी मेरे दोस्त

बाबुल सुप्रीयो ने कहा,  धार्मिक सहिष्णुता का मतलब यह नहीं है कि मैं अपने धर्म का आदर न करूं. सबसे बड़ी बात कि अगर मैं खुद अपने धर्म का सम्मान नहीं करता फिर कोई और कैसे करेगा? मैं मंदिर-मस्जिद दोनों ही जगह जा चुका हूं.  बचपन का जिक्र करते हुए बताया, मैं किसी तरह के पूजा-पाठ पर विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे याद है मेरी दादी मुझे मस्जिद ले जाया करती थीं. वो बचपन में नजर उतारने के लिए ऐसा करती थीं.

Advertisement

Advertisement
Advertisement