मशहूर लेखक, कवि और पद्मश्री से सम्मानित प्रसून जोशी ने हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में शिरकत की. उन्होंने कॉन्क्लेव में सबसे पहले अपनी कविता 'मैं देश नहीं मिटने दूंगा' के बारे में बात की. कविता को पीएम मोदी ने साल 2014 में पढ़ा था. हाल ही में पुलवामा में हुए आतंकी हमलों और पाकिस्तान के बालाकोट में कार्रवाई के बाद पीएम मोदी ने अपनी एक स्पीच में इस कविता को पढ़ा.
पीएम मोदी से कविता को मिले स्नेह पर प्रसून ने बात की. उन्होंने कहा, "कोई भी कविता आपका एक हिस्सा होती है और जब ये कविता आपका साथ छोड़ती है और जब ये अपना एक खुद का अस्तित्व गढ़ने में कामयाब हो जाती है तो आप सबसे ज्यादा खुश होते हैं. मैं जब भी कार में होता हूं और ऑटो में बैठे किसी शख्स को अपना बनाया गाना गुनगुनाते हुए सुनता हूं तो मुझे बेहद खुशी होती है."
"मैं अपनी अगली ज़िंदगी में कवि बनने की जगह कविता बनना चाहता हूं, क्योंकि कविता रचने वाले से ज्यादा कविता की अहमियत कहीं ज्यादा होती है. मेरे लिए ये बेहद खास फीलिंग थी जब नरेंद्र मोदी ने मेरी कविता को दो बार पढ़ा था. ये मेरे लिए गौरव की बात थी."
प्रसून ने अपने राइटिंग प्रोसेस के बारे कहा, "आप दो तरीके से लिख सकते हैं. या तो आप डायरी में लिखे, पढ़े और खुश हो जाएं कि आपने अच्छा लिखा है. या फिर पब्लिक के साथ अपने लिखे को साझा कर दें. मैं कई तरीके से लिखना पसंद करता हूं. कई बार ऐसा भी होता है जब मैं सिवाए लिखने के कुछ कर ही नहीं पाता हूं. इसके अलावा मैं प्रोफेशनल राइटिंग भी करता हूं जहां किसी और के विचारों को ध्यान में रखते हुए मुझे लिखना होता है. जब जीवन ट्रिगर नहीं होता तो आप किसी और ट्रिगर की कोशिश करते हैं."
बताते चलें कि प्रसून ने लंदन में भी पीएम मोदी का इंटरव्यू लिया था. उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी से कई सवाल किए थे. हालांकि लंदन में हुए इस इंटरव्यू की कई लोगों ने आलोचना भी की थी और कहा था कि प्रसून ने पीएम से बेहद हल्के सवाल किए हैं.