14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से ही देश में आक्रोश और रोष का माहौल है. अजय देवगन जैसे एक्टर्स ने कहा था कि वे अपनी फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं कराएंगे. इसके अलावा पाकिस्तानी आर्टिस्ट्स पर भारत में काम करने को लेकर भी देश भर में कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं थी. कई एक्टर्स ने ये भी कहा था कि वे पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम ही नहीं करना चाहते हैं और ना ही भारत की फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज होना चाहिए.
हाल ही में पाकिस्तान ने भी अपने देश में भारत की फिल्मों की स्क्रीनिंग पर बैन लगा दिया. आर्टिस्ट्स और राजनीति के बीच छिड़ती बहस पर इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में पहुंचे प्रसून जोशी ने भी अपना नज़रिया पेश किया. प्रसून ने कहा, "आर्ट बेहद प्योर चीज़ है. लेकिन आर्टिस्ट्स की भी जिम्मेदारी है कि वे इसे शुद्ध बनाए रखें. अगर आर्टिस्ट्स राजनीति से दूर रहना चाहते हैं तो ये उनकी मर्जी हैं."
"लेकिन ऐसा होता नहीं है. अक्सर आर्टिस्ट्स पॉलिटिकल हो जाते हैं. लेकिन जब चीजें उनके हिसाब से नहीं चल रही होती हैं तो वे पॉलिटिकल होना छोड़ देते है. अपनी सुविधा के अनुसार पॉलिटिकल हो जाना सही नहीं है. अगर ऐसा है तो आर्टिस्ट्स को आर्ट की दुनिया में ही रहना चाहिए."
प्रसून ने कहा, "हम जिस समाज में रहते हैं वो एक कलेक्टिव समाज है और हम एक दूसरे की इज्जत करते हैं. तहजीब इंसान की पहचान है. मुझे उन लोगों से कोई समस्या नहीं है जो गालियां देते हैं. मुझे बस लगता है कि वे आलसी हैं. हर चीज़ के लिए शानदार शब्द होते हैं. समस्या ये है कि आप शब्द नहीं जानते हैं. आपकी विद्वता सिद्ध नहीं होती इससे. लोगों को बेहतर होने के अधिक प्रयास करने चाहिए."