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बचपन में नहीं थी फिल्में देखने की इजाजत, इरफान खान ने यूं किया एक्टर बनने का फैसला

क्या आप जानते हैं कि जिस एक्टर ने इतनी बेहतरीन फिल्मों में काम किया उसके बचपन में एक दौर ऐसा भी था जब उनके घर में फिल्में देखने की इजाजत नहीं थी. फिर इरफान खान के मन में एक्टर बनने का खयाल कैसे आया.

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इरफान खान
इरफान खान

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जब कोई बड़ा एक्टर दुनिया छोड़ कर जाता है तो वो अपनी एक कमी छोड़ देता है. एक अभाव सा लगने लग जाता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है इरफान खान के दुनिया से जाने के बाद. कई सारे इरफान खान के प्रशंसक ऐसे हैं जो अभी भी उनके निधन के सदमे से बाहर नहीं निकल पाए हैं. एक्टर की कमी सभी को खल रही है. मगर क्या आप जानते हैं कि जिस एक्टर ने इतनी बेहतरीन फिल्मों में काम किया उसके बचपन में एक दौर ऐसा भी था जब उनके घर में फिल्में देखने की इजाजत नहीं थी. फिर कैसे इरफान खान के मन में एक्टर बनने का खयाल आया. आइए जानते हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान इरफान ने बताया था कि- ''बचपन मेरा जयपुर में गुजरा, मां-पापा का घर टोंक में था. वहां बचपन में जाया करता था. वहां साथियों के साथ नाटक किया करते थे. फिल्में देखने की इजाजत बचपन से ही नहीं थी. जब चाचा आया करते थे साल में एक-आद बार तो सब खुश हो जाया करते थे. चाचा सिनेमा दिखाने ले जाया करते थे. वे कुछ पैसे देते थे और सारा खानदान फिल्म देखने जाया करता था.''

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''टोंक में जहां मेरी खाला का घर था वो सिनेमा हॉल के ठीक सामने था. तो जैसे ही खाला के घर का दरवाजा खुलता था तो सीधा सिनेमाघर पड़ता था. वहां पर जो टिकेट बेचने वाली थी उस महिला से खाला की जान-पहचान थी. तो फिल्म के बीच में ही हम लोग जाकर बैठ जाया करते थे और फिल्म देखते थे.''

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टीनएज में सिनेमा देखते हुए इरफान खान को ललक हुई कि उन्हें भी सिनेमा में काम करना चाहिए. नसीरुद्दीन शाह की एक्टिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे इरफान खान. उन्हें लगा कि इस जरिए से खुद को एक्सप्लोर किया जा सकता है. 15-16 साल की उम्र में इरफान ने अभिनय करने का मन बना लिया था.

ऐसे पहुंचे एनएसडी तक

जुनून फिल्म में जब राजेश विवेक को इरफान खान ने बाबा के किरदार में देखा तो वे उनसे काफी प्रभावित हुए. किसी ने बताया कि ये बहुत बड़ा एक्टर है और इसने एनएसडी से एक्टिंग सीखी है. इसके बाद इरफान खान को पता चला की एनएसडी कर के एक जगह है जहां पर एक्टिंग सिखाई जाती है. फिर इरफान खान ने ठान लिया कि वे यहां से एक्टिंग सीखेंगे और अभिनेता बनेंगे. हालांकि ऐसा करने के उनके पास पैसे नहीं थे, तो वे स्कॉलरशिप पर एनएसडी गए थे.

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इसके आगे इतिहास गवाह है. इरफान खान ने एक डॉक्टर की मौत, सलाम बॉम्बे, मकबूल, बिल्लू, डी डे, पान सिंह तोमर, मदारी, कारवां, दि लंचबॉक्स, हिंदी मीडियम और इंग्लिश मीडियम जैसी फिल्मों में काम किया.

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