जावेद जाफरी ने रविवार को पिता जगदीप को याद करते हुए एक लंबा पोस्ट लिखा है. जगदीप का 8 जुलाई को निधन हो गया था, जिसके बाद फिल्म इंडस्ट्री संग पूरे देश ने लेजेंडरी एक्टर के जाने पर शोक जताया था. 81 साल के जगदीप का निधन बढ़ती उम्र की दिक्कतों के चलते हुआ. उस समय वे अपने मुंबई वाले घर पर थे. ऐसे में अब पिता को याद करते हुए जावेद जाफरी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया.
एक इमोशनल पोस्ट को जावेद ने ट्विटर पर शेयर किया. उन्होंने लिखा- 'मेरे पिता के जाने पर हमारा दुख बांटने वालों को मेरा तहे दिल से शुक्रिया. इतना प्यार... इतनी इज्जत...इतनी दुआएं..यही तो है 70 सालों की असली कमाई.' जावेद जाफरी ने पिता की फिल्मी जर्नी के बारे में बात की. कैसे जगदीप ने बतौर चाइल्ड एक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर उन्होंने गरीबी का सामना किया, फिर कैसे वे फिल्म इंडस्ट्री के सबसे आइकॉनिक एक्टर्स में से एक बने.
🙏🏽🙏🏽🙏🏽My heartfelt thanks to all who shared the pain of my fathers departure with (cont) https://t.co/0L1Qr7JkbS
— Jaaved Jaaferi (@jaavedjaaferi) July 12, 2020
10 साल की उम्र में शुरू हुआ था करियर, इससे पहले फूटपाथ पर रहते थे जगदीप
उन्होंने लिखा- 10 साल की उम्र से 81 तक, उन्होंने जो जिया और जिसके लिए सांस ली वो फिल्में थीं. 7 साल की उम्र में अपने पिता को खोने और बंटवारे के बाद , उनका सीधा मुकाबला गरीबी से हुआ था. उन्हें मुंबई के फुटपाथ पर अपनी जिंदगी को बिताया है. महज 8 साल की उम्र में उन्हें और उनकी मां को मुंबई नाम के एक निर्दयी समंदर में फेंक दिया गया था. उनके पास दो ही ऑप्शन थे- या तो तेरो या फिर डूब जाओ. उन्होंने तैरने को चुना.
छोटी-छोटी फैक्ट्रियों से लेकर, पतंगें बनाने, साबुन बेचने, मालिशवालों के पीछे कनिस्टर लेकर चलने और चिल्लाने 'मालिश, तेल मालिश' तक उन्होंने बहुत कुछ किया है. 10 साल की उम्र में उनकी किस्मत ने उनके लिए जो चुना, वो था सिनेमा. उनके सफर की शुरुआत बी.आर चोपड़ा साहब की पहली फिल्म अफसाना से हुई थी. इसे 1949 में शूट किया गया और 1951 में रिलीज हुई. और जैसा कि बोला जाता है 'हजारों किलोमीटर का सफर एक कदम से ही शुरू होता है', उसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा. उनके लिए बिमल रॉय, गुरु दत्त, के आसिफ, महबूब खान पिता समान थे और उनके वे उन्हें अपना गाइड मानते थे.
एक्ट्रेस दिव्या चौकसे ने हारी कैंसर से जंग, मरने से पहले लिखा- डेथबेड पर हूं
पिता के टैलेंट के कायल रहे हैं जावेद जाफरी
अपने पिता के एक्टिंग टैलेंट पर चौंकते हुए जावेद ने आगे लिखा- हिंदी सिनेमा के सबसे नेचुरल चाइल्ड एक्टर होने से लेकर, जिसे मैंने देखा, एक सेंसिटिव लीडिंग मैन और एक बेहतरीन कॉमेडियन जिसकी टाइमिंग का जवाब था तक, उन्होंने कभी भी लोगों का मनोरंजन करने और लोगों को चौंकाने में कभी कमी नहीं की. जावेद जाफरी ने बताया कि कैसे बॉलीवुड के कई फेमस लोग और सितारे जगदीप को सराहते हैं और उनसे प्यार करते हैं. उन्होंने लिखा, 'आज के समय में लेजेंड यूं ह किसी को भी बोल दिया जाता है. लेकिन उनके केस में ये शब्द बिल्कुल सही था.
पिता से जावेद जाफरी ने काफी कुछ सीखा है. उन्होंने बताया कि कैसे जगदीप एक अच्छे पिता भी थे. उन्होंने लिखा- एक पिता जिसने मुझे जिंदगी की कीमत बताई, गरीबी के बारे में पाठ पढ़ाए, बताया कि निष्ठा कितनी महत्वपूर्ण है और अपने क्राफ्ट को सिखाया. उन्होंने मुझे सकारात्मकता और प्रेरणा की अनगिनत कहानियां सुनाईं. वो हमेशा स्माइल करते रहते थे, हमेशा प्रोत्साहित करने वाली बातें करते थे, और हमेशा मुझे याद दिलाते थे कि इंसान की सफलता इस बात से होती है कि वो क्या है, ना कि उसके पास क्या है और एक इंसान क्या जनता है ना कि वो किसको जनता है. क्या इंसान थे वो! क्या कमाल सफर था उनका!
#AskKartik में फैन्स ने कार्तिक आर्यन से पूछे शादी को लेकर सवाल, ऐसा था एक्टर का रिएक्शन
पिता को कहा आखिरी अलविदा
जावेद ने पिता जगदीप की पसंदीदा बात कही, जो जगदीप की मां उन्हें कहा करती थीं. उन्होंने लिखा- 'वो मंजिल क्या, जो आसानी से तय हो; वो राही क्या, जो थक कर बैठ जाए. आगे जावेद जाफरी ने लिखा- मगर जिंदगी कभी-कभी थक कर बैठने पर मजबूर कर देती है. हौसला बुलंद होता है पर जिस्म साथ नहीं देता.'
अंत में उन्होंने पिता को अलविदा करते हुए लिखा- उस आदमी के नाम जिसे मैं पापा कहता था और जिसे दुनिया कई नामों से जानती है, सलाम!!! आपका नाम सूरमा भोपाली ऐसे ही नहीं था!!
View this post on Instagram
Advertisement
बता दें कि जगदीप के निधन के बाद उनके पोते मिजान जाफरी ने भी उनके लिए एक इमोशनल पोस्ट लिखा था. जगदीप का निधन 8 जुलाई को हुआ था. उन्हें 9 जुलाई को मुंबई के शिया कबिर्स्तान में दफनाया गया. उनकी अंतिम विदाई में जावेद जाफरी, नावेद जाफरी, जावेद के बेटे मिजान और अब्बास, उनकी पत्नी हबीबा संग अन्य परिवारवाले और करीबी रिश्तेदार मौजूद रहे. एक्टर जॉनी लीवर भी जगदीप साहब को आखिरी अलविदा कहने पहुंचे थे.