बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस को 1982 में आयी फिल्म अर्थ का रीमेक बना रहे मेकर्स ने फिल्म का हिस्सा बनने का ऑफर दिया है. 1982 में आयी क्लासिक फिल्म अर्थ को डायरेक्टर महेश भट्ट ने बनाया था. मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक, जैकलीन को एक्ट्रेस स्मिता पाटिल के रोल को निभाने का ऑफर गया है.
कुछ समय पहले दिए अपने एक इंटरव्यू में जैकलीन ने बताया था कि वे लॉस एंजेलिस के इवाना चुंब्बक स्टूडियो से एक्टिंग क्लासेज ले रही हैं क्योंकि वे अब एक्सपेरिमेंटल रोल करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि जहां वे कमर्शियल सिनेमा से एकदम दूर नहीं होना चाहतीं वहीं वे बतौर एक्ट्रेस अपनी खूबियों को पहचानना चाहती हैं और चीज़ों को अलग ढंग से करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, 'अब ये दोनों बातों को बैलेंस करने के बारे में है.' उन्होंने ये भी कहा था कि वे पिछले कई सालों से ऐसी स्क्रिप्ट्स की तलाश कर रही हैं जो उन्हें उनके कम्फर्ट जोन से बाहर निकाल सकें.
बता दें कि साल 2017 में शरत चंद्र ने फिल्म अर्थ के रीमेक का ऐलान किया था और बताया था कि इसमें साउथ एक्ट्रेस रेवती एक मुख्य किरदार निभा रही हैं. दिलचस्प बात ये है कि रेवती ने फिल्म अर्थ के तमिल रीमेक में भी काम किया था, जिसे डायरेक्टर बालू महेंद्र ने बनाया था. रेवती ने तमिल रीमेक में एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था, जिसका पति उसे छोड़ देता है. ये रोल 1982 में आयी अर्थ में एक्ट्रेस शबाना आजमी ने निभाया था. शबाना को इस फिल्म में अपने अभिनय के लिए नेशनल अवार्ड बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था.
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एक सूत्र के मुताबिक, रेवती इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काफी समय से काम कर रही हैं और फिल्म में स्टार्स की कास्टिंग से पहले से ही तैयारी में लगी हुई हैं. सूत्र ने आगे बताया, 'इसके साथ ही फिल्म के मेकर्स ने अब जैकलीन को हाल ही में फिल्म का ऑफर दिया है और उन्हें फिल्म का कांसेप्ट और रोल दोनों पसंद आयी हैं. जैकलीन अर्थ जैसी आइकॉनिक फिल्म का हिस्सा बनने के लिए बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने इस फिल्म के लिए अपनी सहमति भी दे दी है. हालांकि जैकलीन का अपनी फिल्म को साइन करना बाकी है.'
बता दें कि 1982 में आयी फिल्म अर्थ की कहानी पूजा (शबाना आजमी) नाम की एक महिला की कहानी थी, जिसे अपने पति इन्दर (कुलभूषण खरबंदा) के कविता (स्मिता पाटिल) नाम की किसी दूसरी औरत के प्यार में पड़ने के बारे में पता चलता है. ये फिल्म अपने समय से काफी आगे की थी, क्योंकि इसमें दिखाया गया था कि एक महिला को सुरक्षित और पूरा महसूस करने के लिए किसी पुरुष की जरूरी नहीं होती है.