दिग्गज स्क्रिप्ट और लिरिस्ट राइटर जावेद अख्तर शनिवार को किए गए अपने एक ट्वीट के चलते विवादों के घेरे में आ गए हैं. जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत में तकरीबन 50 साल तक लाउड स्पीकर पर अजान हराम थी. इसके बाद ये हलाल हो गई और इस कदर हलाल हुई कि इसकी कोई सीमा ही नहीं रही. अजान करना ठीक है लेकिन लाउड स्पीकर पर इसे करना दूसरों के लिए दिक्कत का सबब बन जाता है. मुझे उम्मीद कि कम से कम इस बार वो इसे खुद करेंगे."
जावेद अख्तर इस बयान के सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रोल हो रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, "लाउड स्पीकर्स पर सिर्फ अजान को बैन करने की बात कहकर तुम्हें अपनी सेकुलरिज्म साबित करने की जरूरत नहीं है. बैन करना है तो लाउड स्पीकर को पूरी तरह से बैन किया जाना चाहिए. चाहे ये गणेश चतुर्थी पर हो अजान पर, रविवार को या फिर किसी अन्य धार्मिक मौके पर. वीआईपी शादियों में होने वाले शोर को भी हमें नहीं भूलना चाहिए."
In India for almost 50 yrs Azaan on the loud speak was HARAAM Then it became HaLAAL n so halaal that there is no end to it but there should be an end to it Azaan is fine but loud speaker does cause of discomfort for others I hope that atleast this time they will do it themselves
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020
You dont need to prove your secularism by asking for a ban on loud speakers for azaan alone.
There should be a blanket ban on use of loud speakers- be it for any Ganesh chaturti, azaan, Sunday mass or any religious purposes
Not to forget the noise in VIP weddings too!
— Dr. Syeda Uzma (@sane_indian) May 9, 2020
Disagree with your opinion.
Plz. Don't pass such comments which is related to Islam & belief
You must know that we are not running high volume songs every time & playing in hands of evil
Adaan is the most beautiful invitation for coming to prayer & walk on right track of life.
— Azhar (@AzharJeddah2003) May 9, 2020
एक अन्य यूजर ने लिखा, "आपके बयान से असहमत हूं. कृपया इस्लाम और उसके विश्वास से जुड़े बयान मत दीजिए. आप जानते हैं कि हम ऊंची आवाज में गाने नहीं चला रहे हैं और ना ही कोई खराब काम कर रहे हैं. अजान बहुत खूबसूरत पुकार है प्रार्थना के लिए और सही रास्ते पर चलने के लिए." इस यूजर ने बयान का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा, "तो आप ये कह रहे हैं कि वो सभी इस्लामिक जानकार जिन्होंने 50 साल तक लाउडस्पीकर को हराम करार दे रखा था वो गलत थे."So are you suggesting that those Islamic scholars who had declared the loud speaker haraam for almost fifty years were all wrong and didn’t know what they are talking about . If you have the guts then say so then I will tell you names of those scholar .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020
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क्या वो जानकार गलत थे
जावेद ने लिखा, "...आप कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता था कि वो क्या कह रहे हैं? अगर आपको यकीन है तो आप एक बार कहिए. फिर मैं आपको उन जानकारों के नाम भी बताऊंगा." जावेद अख्तर के बयान के बाद रमजान के महीने में एक लंबी चौड़ी बहस सोशल मीडिया पर शुरू हो गई है. बता दें कि इससे पहले सोनू निगम लाउड स्पीकर पर अजान से जुड़े बयान देकर अचानक विवादों में आ गए थे.