बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या हाल ही में अपने एक बयान से चर्चा में आए थे. उन्होंने शाहीन बाग में नागरिकता कानून (CAA)के खिलाफ हो रहे धरने को लेकर बयान दिया था और कहा था कि 'अगर बहुसंख्यक समुदाय के लोग सतर्क नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब देश में मुगल राज शुरू हो जाएगा.' तेजस्वी के इस बयान पर विपक्ष के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं इस मामले में मशहूर स्क्रीनराइटर और गीतकार जावेद अख्तर ने भी अपनी राय रखी है.
ट्वीट में जावेद बोले, हम लिबरल्स तुम्हें बचा लेंगे
दरअसल इंडिया टुडे ने तेजस्वी सूर्या से जुड़ी इस खबर को ट्विटर पर पोस्ट किया था. इस न्यूज के कमेंटबॉक्स में जावेद अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, अगर आप मुगल राज को लेकर इतना ही भयभीत हैं तो मैं अंदाजा भी नहीं लगा सकता हूं कि आप एटीला द हन और इन्वेजन ऑफ वाइकिंग्स को लेकर कितना ज्यादा डरे हुए होंगे. फ्रिक मत करो, हम लिबरल्स तुम्हें बचा लेंगे. बता दें कि वाइकिंग्स एज इतिहास में एक ऐसा दौर रहा है जब कुछ क्रूर बंजारों ने यूरोप और Scandinavian देशों के कई हिस्सों पर अत्याचार करते हुए अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू की थी.
If you are apprehensive about the return of the Mughal Raj I can’t even imagine how scared you must be of Attila the Hun and the invasion of Vikings . Don’t worry we the liberals will save you .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 6, 2020
जावेद की इस बात का तेजस्वी ने भी जवाब दिया. उन्होंने कमेंट करते हुए लिखा, जावेद जी, भगवान ना करे कि अगर मुगल राज वापस आता है तो लिबरल्स को सबसे पहले फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाएगा. हालांकि आप बच जाएंगे क्योंकि आप उनके धर्म के ही हैं.
Javed Ji, if the Mughal Raj ever returns (God forbid) the liberals will be the first to be sent to the gallows.
You may however be spared as a favour on a co-religionist.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) February 6, 2020
बता दें कि जावेद अख्तर, अनुराग कश्यप, विशाल भारद्वाज, सुधीर मिश्रा, जोया अख्तर, फरहान अख्तर, तापसी पन्नू, ऋचा चड्ढा, अली फजल, अनुभव सिन्हा जैसे कई सितारों ने सीएए-एनआरसी का विरोध किया है. वहीं अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री जैसे कुछ कलाकार सीएए-एनआरसी के मामले में केंद्र सरकार का समर्थन करने की बात कह रहे हैं. सरकार के कई प्रयासों के बावजूद देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर जारी है.