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बच्चों की फिल्म को लेकर डरते हैं निर्माता: जिम्मी शेरगिल

बॉलीवुड एक्टर जिम्मी शेरगिल से उनकी आने वाली फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' में उनके किरदार और बच्चों के बारे में हुई बातचीत के पेश हैं कुछ अंश.

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जिम्मी शेरगिल
जिम्मी शेरगिल

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जिम्मी शेरगिल अपनी एक्टिंग और अलग सिनेमाई किरदार के लिए मशहूर रहे हैं. बात चाहे उनकी 'हासिल' में बेहद देसी और युवा किरदार की करें या फिर 'साहेब बीबी और गैंगस्टर' जैसे किरदार की उनका काम बेहतरीन रहा है.

जिम्मी शेरगिल को निर्देशक तिग्मांशु धुलिया, राजकुमार संतोषी या फिर आनंद एल रॉय अपनी फिल्मों के अहम किरदार में रखते है. कुछ इसी तरह निर्देशक अमिताभ सिंह की फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' भी है जिसके लिए जिम्मी शेरगिल तुरंत तैयार हो गए, ये जानते हुए भी की फिल्म की शूटिंग बेहद ही घने जंगलों में की जानी है और उनके किरदार में काफी प्रयोग भी है. फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' में उनके किरदार और बच्चों की फिल्म के बारे में जिम्मी शेरगिल ने खुलकर बात की.

फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' की शुरुआत कैसे हुई?
मुझे निर्देशक अमिताभ सिंह जी से शूजित सरकार ने कई साल पहले मिलाया था फिर अमिताभ को फिल्म 'यहां' की शूटिंग के दौरान अच्छे से समझने को मौका मिला. वह बहुत ही उम्दा टेक्नीशियन हैं साथ ही बेहद ही अच्छे इंसान भी. फिल्म 'यहां' के कैमरा वर्क की तारीफ हुई, फिर हमने एड फिल्मों में भी साथ में काम किया.

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इसलिए जब वह मेरे पास फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' के लिए आए और बताया की यह एक बच्चों की फिल्म है तो फिर मैंने तुरंत हां कह दिया क्योंकि मैं हमेशा से बच्चों के सिनेमा के प्रति खुद को बहुत समर्पित मानता हूं.

फिल्म में आपका किरदार क्या है?
फिल्म में मेरा किरदार बहुत दिलचस्प है. यह किरदार एक लियोपार्ड जैसा है जो एक ग्रीन लम्बा सा चोला पहनता है. जब फिल्म में जंगल में गुम हुए 7 बच्चों का सामना होता हैं तो कहानी में ट्विस्ट आ जाता है. फिर यह जगंल का बहुत खास जानवर उन बच्चों के लिए सहायक साबित होता है या फिर उनकी जिंदगी को और मुश्किल में डालता है यह आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा.

फिल्म बारे में कुछ बताएं?
इस फिल्म की कहानी स्कूल पिकनिक पर गए सात बच्चों की कहानी है जो जंगल में गुम हो जाते है. नेशनल पार्क या बड़े गार्डन के मुकाबले बच्चे जंगल की असली दुनिया को पहली बार करीब से देखते हैं. बच्चों का जंगल के साथ रीयल एनकाउंटर है.

फिल्म के शूटिंग के दौरान जंगल का अनुभव कैसा रहा?
फिल्म 'शॉर्टकट सफारी' की शूटिंग गुजरात के जंगलों में हुई है. सतपुड़ा के पास डांग फॉरेस्ट है. मैं बहुत आश्चर्यचकित हुआ क्योंकि मैंने इतना घना जंगल कभी नहीं देखा था. जिस जगह पर हम शूटिंग कर रहे थे वहां देश के सबसे बड़े स्पाइडर मिलते है.

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मेरा कास्ट्यूम काफी अलग था. मैं काफी सावधान रहता था क्योंकि काफी घना जंगल था. जंगल के बड़े जानवरों के साथ ही छोटे कीड़े से भी कॉफी खतरा रहता था लेकिन हमनें शूटिंग बिना किसी दुर्घटना के पूरी की.

बच्चों पर फिल्में बनाना कोई रिस्क है या नहीं?
यह काश मुझे पता होता. बहुत कम लोग हैं जो इस तरह का साहस करते है. बच्चों के साथ फिल्म बनना चैलेंजिंग होता है. 'स्टेनली का डब्बा', 'तारे जमीं पर', 'मकड़ी' सब मुश्किल फिल्में थी.

प्रोफेशनल आर्टिस्ट और बच्चे के साथ काम करने का अलग अनुभव होता है?
सबसे पहले तो हमको अपने किरदार पर ध्यान देना होता है. इस फिल्म में बच्चों से जब मैं फिल्म की शूटिंग के लिए गुजरात में मिला तो लगभग हफ्ते भर की शूटिंग पूरी हो गई थी. बच्चे अपने किरदार और जंगल से काफी घुल मिल गए थे. बच्चों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है बड़ा दिलचस्प रहता है.

बच्चों के साथ बाकी फिल्में भी करेंगे?
मैं बच्चों की फिल्मों के लिए हमेशा तैयार रहता हूं बशर्ते फिल्मकार बच्चों के लिए कुछ करना चाहते हों. यह बहुत ही सोचने वाली बात है कि लोग बच्चों की फिल्म लेकर इतने डरते क्यों हैं.

स्कूल ट्रिप या बचपन में फिल्मों से जुड़ी कोई यादें?
हमारे स्कूल ट्रिप में ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी. हम लोग कभी साथ जाते थे तो कोई कुछ खाने के लिए बाहर चला जाता था या फिर कोई आस पास ही गुम हो जाता था लेकिन कुछ ऐसा बहुत बड़ी घटना नहीं हुई . उस वक्त फिल्मों के लिए सिर्फ थिएटर होते थे, पेरेंट्स साथ में नहीं होते थे. हमारा रविवार को फिल्म देखना तय होता था जिसमें चचेरे भाई बहन और फ्रेंड्स का ग्रुप होता था.

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आनेवाली फिल्मों के बारे में बताइए?
फिल्म 'बुद्धा इन ट्रैफिक' जिसमें मनोज बाजपेयी के साथ काम कर रहा हूं. फिल्म के युवा निर्देशक राजेश पिल्लई का देहांत हो गया. अब निर्माता फिल्म के प्रदर्शन के लिए तैयारी कर रहे है. दूसरी फिल्म 'मदारी' है जिसके निर्देशक निशिकांत कामत हैं. फिल्म में इरफान खान भी है. इसके साथ मेरी पंजाबी फिल्म 'वैशाखी लिस्ट' रिलीज हो रही है जो आउट एन्ड आउट कॉमेडी फिल्म है. जैसे इंडिपेंडेंस डे लिस्ट, रिपब्लिक डे लिस्ट और अच्छे कैदियों को स्वभाव के आधार पर रिहा किया जाता है ऐसे ही हमारे यहां पंजाब में 'बैसाखी लिस्ट' होती है. फिल्म में मेरा किरदार भी एक कैदी का है.

'साहब बीबी और गैंगस्टर' और 'तनु वेड्स मनु' की दोनों फिल्में आपके करियर के लिए खास रही हैं, अपने किरदारों को लेकर किसी विशेष तरह का ट्रेंड फॉलो किया है आपने?

मैं हमेशा दिलचस्प विषय और किरदारों का चयन करता हूं, मैं कोई ट्रेंड नहीं फॉलो करता. बहुत अच्छा लगता है कि मेरे द्वारा निभाएं गए किरदारों को दर्शकों ने पसंद किया.

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