जॉन अब्राहम लंबे समय बाद अपनी फिल्म परमाणु द स्टोरी ऑफ पोखरण ला रहे हैं. इस फिल्म में 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण की कहानी दिखाई गई है.
जॉन अब्राहम ने आजतक के साथ किए फेसबुक लाइव में फिल्म के बारे में बात की. उन्होंने बताया, 'परमाणु एक बहुत ही सेंसिबल और क्रेडिबल फिल्म है. सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि ये एंटरटेनिंग काफी है.'
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जॉन से फेसबुक लाइव के दौरान यह भी पूछा गया कि वे इतने दिनों बाद क्यों वापसी कर रहे हैं. बता दें कि जॉन पिछली बार 2016 में फोर्स 2, रॉकी हैंडसम और ढिशुम में नजर आए थे. दो साल बाद वापसी के सवाल पर जॉन ने कहा, 'मैं कोई सेंसिबल फिल्म करना चाहता था. परमाणु एक सेंसिबल फिल्म है.'
जॉन इससे पहले कह चुके हैं कि लोग मुझसे कहते थे कि मैंने 'मद्रास कैफे' बनाकर कांग्रेस का सपोर्ट किया. अब परमाणु के लिए कहा जा रहा है कि ये भाजपा को प्रमोट करती है. मैं राजनीतिक रूप से किसी की तरफदारी नहीं करना चाहता. मैं अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान करता हूं कि उन्होंने पोखरण परीक्षण को हरी झंडी दिखाई.
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बकौल जॉन, 'परमाणु मेरे बच्चे की तरह है. मैं 25 मई को इसे जन्म दूंगा. मैंने इस बच्चे की कस्टडी के लिए लड़ाई की है. मुझे अपने इस बच्चे पर गर्व है. शूटिंग के अंतिम दिन मुझे बहुत खुशी हुई थी कि हमने इतने मुश्किल शूट को पूरा कर लिया है, लेकिन मैं इसका क्रेडिट नहीं ले सकता. पूरी कास्ट और क्रू का शुक्रिया.'