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कभी बस कंडक्टर थे जॉनी वॉकर, इत्तेफाक से मिला था फिल्मों में काम

जॉनी वॉकर पेशे से बस कंडक्टर थे. मगर एक इत्तेफाक से उन्हें फिल्मों में काम करने का ऑफर मिला. जॉनी वॉकर के जन्मदिन पर बता रहे हैं कैसे हुई थी इस मजेदार शख्सियत की फिल्मों में एंट्री.

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जॉनी वॉकर
जॉनी वॉकर

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जॉनी वॉकर बॉलीवुड के सबसे धाकड़ कॉमेडियन के तौर पर जाने जाते हैं. उन्होंने कई सारी फिल्मों में कॉमेडी की और कई पीढ़ियों के दर्शकों को अपने अभिनय, डायलॉग डिलीवरी और शानदार कॉमिक टाइमिंग से एंटरटेन किया. जॉनी का असली नाम बदरूद्दीन जमालुद्दीन काजी था. वे पेशे से बस कंडक्टर थे. मगर एक इत्तेफाक से उन्हें फिल्मों में काम करने का ऑफर मिला. उन्होंने उस ऑफर का फायदा उठाया और लोगों का भरोसा बनाए रखा. जॉनी वॉकर के जन्मदिन पर बता रहे हैं कैसे हुई थी इस मजेदार शख्सियत की फिल्मों में एंट्री.

जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर, 1926 को इंदौर में हुआ था. दरअसल जॉनी वॉकर बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई और ट्रांसपोर्ट बस सर्विस में काम करते थे. काफी सालों तक उन्होंने काम किया. एक दफा दिग्गज एक्टर बलराज साहनी की नजर जॉनी पर पड़ी. जॉनी वॉकर बस में सफर करते वक्त लोगों का खूब मनोरंजन करते थे. उनका सेंस ऑफ ह्यूमर उस समय भी तगड़ा था. एक दफा बलराज साहनी ने उन्हें ऐसा करते देख लिया. वे उस दौरान गुरु दत्त की फिल्म बाजी लिख रहे थे. इसके बाद साहनी ने जॉनी को गुरु दत्त से परिचित करवाया. दत्त साहब को भी जॉनी भा गए. फिर क्या था फिल्म में उनके लिए एक किरदार गढ़ा गया जिसे लोगों ने पसंद भी किया.

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चाची 420 में आए थे नजर

करियर की बात करें तो उन्हें मधुमती फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें शिखर फिल्म के लिए बेस्ट कॉमेडियन के अवॉर्ड से नवाजा गया. उन्होंने आर पार, टैक्सी ड्राइवर, देवदास, मिलाप, सीआइडी, नया दौर, कागज के फूल, दो रास्ते और आनंद समेत कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. 1997 में आई कमल हासन की फिल्म चाची 420 में भी वे नजर आए थे. 29 जुलाई, 2003 को मुंबई में उनका निधन हो गया.

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