सलमान खान हिट एंड रन केस में बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांस्टेबल रवींद्र पाटिल के बयान पर विश्वास करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि कांस्टेबल रवींद्र पाटिल का बयान भरोसे के लायक नहीं है. एक्सीडेंट के बाद टायर फटने की बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अब इस मामले में फैसला गुरुवार को आएगा.
जस्टिस एआर जोशी ने मंगलवार को भी सलमान की अपील पर अदालत का फैसला लिखवाने का काम जारी रखा था. सलमान ने मुंबई की एक सेशन कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें अपील का निपटारा होने तक जमानत दी हुई है.
कार की स्पीड को लेकर किए सवाल
कोर्ट ने ब्लड के सैंपल लेने से लेकर इसे ले जाने, संरक्षित रखने और एल्कोहल की मौजूदगी की जांच तक कई खामियों का जिक्र किया. जस्टिस ने कहा कि विसंगतियां और गायब महत्वपूर्ण जैविक सबूत के चलते संदेह पैदा होता है. उन्होंने कहा कि यह ताज्जुब की बात है कि कार की स्पीड इतनी तेज थी कि उन्हें JW मैरिएट से घटनास्थल तक पहुंचने में 30 मिनट लगे. इसका मतलब है कि कार की स्पीड को लेकर दिया गया रवींद्र का बयान सही नहीं है. क्योंकि रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी थे.
पहली बार आया अशोक सिंह का नाम
हादसे के बाद, सलमान को बांद्रा के सरकारी भाभा अस्पताल भेजा गया. हालांकि खून के सैंपल लेने की सुविधा नहीं होने पर बांद्रा पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक किशन शेंगल ने उन्हें सरकारी जेजे अस्पताल भेजा जहां डॉक्टर शशिकांत पवार ने उनका ब्लड सैंपल लिया था. मामले की सुनवाई के दौरान ऐसा पहली बार हुआ कि अशोक सिंह के नाम का जिक्र किया गया, जब रवींद्र ने अपना बयान दर्ज कराया.