बॉलीवुड की शान रहे दिग्गज अभिनेता और डायलॉग राइटर कादर खान ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. अभिनेता कादर खान का 81 वर्ष की उम्र में कनाडा में निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
नए साल पर कादर खान के निधन की खबर से हर कोई सदमे में है. कादर खान के दोस्त अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है.
T 3045 - Kadar Khan passes away .. sad depressing news .. my prayers and condolences .. a brilliant stage artist a most compassionate and accomplished talent on film .. a writer of eminence ; in most of my very successful films .. a delightful company .. and a mathematician !! pic.twitter.com/l7pdv0Wdu1
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) January 1, 2019
एक दिन पहले ही महानायक अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट कर अपने दोस्त कादर खान के स्वस्थ होने की दुआएं भी मांगी थीं.
अमिताभ बच्चन और खान ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया था. दो और दो पांच, मुकद्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवरलाल, सुहाग, कुली और शहंशाह जैसी फिल्मों में अमिताभ और कादर खान ने साथ-साथ काम किया. कादर खान एक बेहतरीन अभिनेता के साथ-साथ बेहतरीन डायलॉग राइटर भी थे. उन्होंने सुपरहिट फिल्म कुली नंबर-1 समेत कई फिल्मों के लिए डायलॉग लिखे थे.T 3041 - KADER KHAN .. actor writer of immense talent .. lies ill in Hospital .. PRAYERS and DUAS for his well being and recovery .. saw him perform on stage, welcomed him and his prolific writing for my films .. great company, a Libran .. and many not know , taught Mathematics ! pic.twitter.com/yE9SSkcPUF
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) December 28, 2018
अमिताभ बच्चन ने अपनी कई सुपरहिट फिल्मों शराबी (1984), कुली (1983), लावारिस (1981), मुकद्दर का सिकंदर (1978), अमर अकबर, एंथनी (1977), सत्ते पे सत्ता (1982) और अग्निपथ (1990) में कादर खान के लिखे हुए डायलॉग ही बोले थे.
हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं. एक वक्त अमिताभ और कादर खान के बीच भी कुछ मनमुटाव हुआ. एक इंटरव्यू में अमिताभ से अपने रिश्ते को लेकर कादर खान ने कहा था- 'अमिताभ के साथ जो मेरा रिश्ता था... जब वो MP (सांसद) बन गया..तो मैं खुश नहीं था. कादर खान ने कहा था कि अमिताभ ने उन्हें खुद राजनीति में जाने से मना किया था लेकिन उनके खुद राजनीति में जाने से वह आहत हो गए थे.
कादर खाने ने अमिताभ से अपनी नाराजगी के बारे में इंटरव्यू में कहा था, 'क्योंकि सियासत ऐसी है कि इंसान को बदलकर रख देती है. वो वापस जब आया तो मेरा अमिताभ बच्चन नहीं था. मुझे बहुत दुख हुआ. उसने मुझे भी ये कहा था कि सियासत वाले तुझे अगर ले जाना चाहे, या चाहेंगे तो मैं तेरे खिलाफ खड़ा होकर बोलूंगा ये आदमी गलत है, इसको वोट मत दो, हरवा दूंगा. मुझे तो हरवा देगा मगर खुद कैसे तू एमपी बनकर आया है. एमपी बनने के बाद वो बदल गया था.'
हालांकि, कुछ समय बाद ही दोनों मनमुटाव भुलाकर अच्छे दोस्त बन गए.
खान ने बाद में बताया था कि उन्होंने अमिताभ से बातकर सब कुछ सुलझा लिया था. उन्होंने लिखा था- 'बीच में (रिश्ता) थोड़ा नासाज हो गया था, मैं थोड़ा सा अपसेट था पर फिर उन्होंने (अमिताभ) मना लिया.' कादर खान के बेटे शाहनवाज ने बताया था- अब्बा जब हॉस्पिटल में एडमिट हुए तो भी उन्होंने अमित अंकल से बात की थी.