फिल्म 'कामसूत्र 3 डी' अब तक शर्लिन चोपड़ा की बोल्ड तस्वीरों वाले फर्स्ट लुक पोस्टरों की वजह से ही चर्चा में रही है. लेकिन डायरेक्टर रूपेश पॉल के मुताबिक, उनकी फिल्म इस बार ऑस्कर की दौड़ में भारत की एकमात्र उम्मीद होने वाली है.
पॉल ने अपनी फिल्म को तीन कैटेगरीज में नॉमिनेशन के लिए आवेदन किया है. ये हैं, बेस्ट मोशन पिक्चर, बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग (ओरिजिनल स्कोर) और बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर. फिल्म को नॉमिनेशन मिलता है या नहीं, यह तो 16 जनवरी को ही पता लग पाएगा, जब नॉमिनेशन का ऐलान किया जाएगा.
फिल्म की रिसर्च और स्क्रिप्टिंग में 12 साल लगाने वाले पॉल को उम्मीद बंधी हुई है. फिल्म में पांच गाने हैं, जिन्हें चेन्नई के म्यूजिक डायरेक्टर सचिन-श्रीजीत ने कंपोज किया है. इत्तेफाक है कि लियोनार्डो डिकैप्रियो की सराही गई फिल्म 'द ग्रेट गैट्सबाय' के भी इतने ही गाने नॉमिनेशन की दौड़ में हैं.
रूपेश कहते हैं, 'सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि एकेडमी के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए इन गानों को 6000 वोटरों के ध्यान में लाना. हमारे सीमित संसाधनों के चलते हमें तो दौड़ में होने की उम्मीद भी नहीं थी. हमें बस इतनी इजाजत है कि हम एक सीडी जिस पर फिल्म का नाम लिखा हो, इन वोटरों को सौंप दें.'
इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार रहे पॉल इससे पहले शॉर्ट फिल्में बना चुके हैं. उन्होंने बताया, 'कामसूत्र को कान फिल्म महोत्सव और कुछ दूसरे फिल्म फेस्टिवल में सराहा गया.'
पॉल बताते हैं, 'पश्चिमी ऑडियंस कामसूत्र के कंसेप्ट से बहुत प्रभावित है और इसलिए वे इंडिया को लीजेंड मानते हैं. खजुराहों की मूर्तियों से अतुलनीय भारत का प्रचार तो किया जा रहा है लेकिन फिल्म प्रोड्यूसर ऐसे कंसेप्ट पर हाथ लगाने में शर्माते हैं.' उनके मुताबिक लीड रोल में शर्लिन चोपड़ा फिल्म को अलग ही खांचे में रख देती हैं.