साल 2017 से पहले तक नेपोटिज़्म शब्द को लेकर कोई खास चर्चा नहीं होती थी लेकिन कंगना रनौत ने कॉफी विद करण में अपने ताबड़तोड़ जवाबों से इस शब्द को रातोंरात सुर्खियों में ला दिया था. कंगना ने करण को उन्हीं के शो पर नेपोटिज्म पर कई बातें सुनाईं थी. उन्होंने ये भी कहा था कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने में करण का काफी बड़ा रोल है. हाल ही में इसी मुद्दे पर कंगना से सवाल जवाब किए गए.
कंगना से पूछा गया कि 20 साल बाद अगर उनका बेटा या बेटी एक्टर या डायरेक्टर बनने की बात कहेगा तो आप उसकी मदद करेंगी? इस पर कंगना ने कहा अगर मैं उसकी मदद करती हूं तो उसके अच्छे डायरेक्टर बनने के 50 प्रतिशत चांस होंगे. अगर मैं उसकी मां के तौर पर सच में मदद करना चाहती हूं तो मैं उसे उसका मकाम खुद तलाशने दूंगी क्योंकि मैं जानती हूं कि वो किसी भी फील्ड में अपना मुकाम बना पाने में कामयाब होगा. लेकिन अगर मैं उसे एक बेहद शानदार और हैरतअंगेज़ इंसान बनाना चाहती हूं तो मैं उसे समुद्र में फेंक दूंगी. या तो वो डूब जाएगा या उबर जाएगा.' उन्होंने अपनी पर्सनल ज़िंदगी से एक उदाहरण देते हुए कहा. कंगना ने बताया कि उनका भाई पिछले चार सालों से पायलट बनने की कोशिश कर रहा है और वो जॉब की तलाश में है लेकिन वे कभी उसे हेल्प नहीं करेंगी.
View this post on Instagram
View this post on Instagram
View this post on Instagram
कंगना ने कहा कि 'उसे कोई जॉब दिलाना मेरे लिए बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन कोई भी इंसान जब रोज़मर्रा की ज़िंदगी के संघर्ष से सीखता है, जब रिजेक्शन, नाउम्मीदी और हताशा से उसका पाला पड़ता है तो इस संघर्ष से निकलकर कोई भी व्यक्ति एक बेहतर इंसान बनने की तरफ कदम बढ़ा देता है. मैं भी अपने भाई को ऐसे ही शख़्स के रूप में देखना चाहती हूं.' कंगना ने कहा, 'उसके पास काफी ऑप्शन्स हैं जिनमें से एक खेती भी है. हमारे घर के पास काफी जमीन है. मैं ज़िंदगी को ऐसे ही देखती हूं. मेरे लिए जिंदगी कैश, चेक तक सीमित नहीं है.'
गौरतलब है कि कंगना अपनी अगली फिल्म में राजकुमार राव में नजर आएंगी. इस फिल्म का नाम 'मेंटल है क्या' है. कंगना की पिछली फिल्म मणिकर्णिका ने काफी सुर्खियां बटोरीं थीं.