हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की शीर्ष एक्ट्रेस में शुमार कंगना रनोट की अगली फिल्म 'कट्टी-बट्टी' आने वाली है. कंगना का बॉलीवुड में कोई गॉडफादर नहीं था जिसकी वजह से उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा. फिल्म 'कट्टी बट्टी' रिलीज से पहले हमने बात की कंगना से तो उन्होंने कई दिलचस्प बातें शेयर की.
क्या 'कट्टी-बट्टी' लिव इन रिलेशनशिप पर बेस्ड है?
यह फिल्म लिव इन रिलेशनशिप पर नहीं है. यह एक लव स्टोरी है, जिसकी शुरुआत में एक लड़का अपने प्यार को खो देता है. लड़के को लड़की का मिलना एक मिस्ट्री है जो फिल्म के आखिर में खुलती है.
क्या आप फिल्म का चयन अब काफी जांच-परख कर करती हैं?
जी, काफी सोच समझकर करती हूं. हर फिल्म के साथ मुझे ये लगना चाहिए कि मैं एक कदम आगे गई हूं. तो दत्तो (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स) के किरदार से मैं इस फिल्म में एक स्टेप आगे गई हूं.
फिल्म का टाइटल सुनकर क्या याद आता है?
जी, बचपन की लड़ाइयां याद आ जाती हैं. दोस्तों के साथ की मस्ती याद आती हैं. मेरा भाई छोटा है, और वो घर में सबकुछ बता देता था. तो उससे मैं कट्टी हो जाती थी.
आप टॉप की एक्ट्रेस हैं तो क्या अब फिल्मों की स्क्रिप्ट्स को रिजेक्ट करना आसान हो गया है?
पहले 'ना' नहीं कह पाते थे, क्योंकि पहले तो काम ही मिल जाए तो बड़ी बात होती थी, वो अलग वक्त था, अब सब कुछ अलग है. 5-6 फिल्मों में आपको सही फिल्म चयन करना पड़ता है. कई बार आपको अच्छी फिल्म भी छोड़नी पड़ती है.
स्टार बनने पर क्या प्रेशर बढ़ता है?
जी प्रेशर भले बढ़ता है लेकिन कई सारी चीजें आपको सपोर्ट भी करती हैं. जैसे अब कई ऑप्शन हैं तो आप क्रीम वाली फिल्म ही करेंगे. जैसे 'क्वीन' के टाइम मेरे पास कोई और फिल्म नहीं थी. वैसे ही 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में उन्होंने मेरे लिए दत्तो का रोल लिखकर चैलेंज दिया, वो चाहते हैं कि मैं उसे स्वीकार करूं, तो प्रेशर के साथ रोल भी उम्दा मिल रहे हैं.
इस मुकाम पर पहुंचने पर गर्व महसूस करती हैं?
बहुत ही संघर्ष भरा जीवन रहा और इस मकाम पर पहुंचने का काफी गर्व होता है. आत्मविश्वास भरता है. अपना अच्छा-बुरा खुद ही देखना पड़ता है.
लडकियां आपको प्रेरणा मानने लगी हैं?
मैं हिमाचल के एक छोटे गांव से आई हूं, मेरे लिए कोई भी उदाहरण नहीं था, लेकिन अब अगर मेरे काम के बाद बच्चियों के लिए यह प्रेरणा की तरह काम करता है, तो यह मेरे लिए बहुत ही बड़ी बात है.
नंबर 1 के ताज के लिए क्या खोया और क्या पाया है?
वैसे तो सभी खो देते हैं, जिंदगी के 10 साल खोए हैं, स्कूल की लडकियां जब घूमने, डेटिंग करने जाती थी, तब बचपना खो दिया. कई बुरे हादसे हुए, कच्ची उम्र में गलत-गलत चीजों का सामना करना पड़ा. लेकिन बुरी चीजों ने मुझे स्ट्रांग बना दिया. तो आप कितने भी सफल बन जाओ लेकिन वो वाकये तो हमेशा ही याद रहते हैं.
लोग आपसे जलते भी हैं, कैसे डील करती हैं?
मुझे लगता है कि क्यों मुझे टारगेट किया जा रहा है, झूठ कितना भी कोई बोल ले सच तो सामने आता ही है. वक्त लगता है लेकिन सच सामने आता ही है. लोग हमेशा आपके गिरने का इन्तजार करते हैं, वो तो चाहते हैं की आप गिरे और आपकी जगह वो ले लें, इस बात का आपको हमेशा ख्याल रखना पड़ता है.
गॉडफादर ना होने का मलाल हुआ कभी?
नहीं, क्योंकि अगर कोई आपको गाइड करता है तो आप उसकी कैद में हमेशा ही रहते हो, पिंजरा तो पिंजरा ही होता है चाहे वो सोने का हो या चांदी का. उस कैद में रहना गलत होता, इसलिए मुझे गॉडफादर न होने का कोई गम नहीं है. मैंने अपनी जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है.
फिल्मों के अलावा क्या करना चाहती हैं?
आज कल मैं घुड़सवारी कर रही हूं, मुझे आर्गेनिक खेती की सोच है, वक्त आने पर मैं 'मां' भी बनना चाहूंगी.