बॉलीवुड फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि भारतीय फिल्म उद्योग पहले से ज्यादा अनुशासित और सुगठित हुआ है, लेकिन प्रेम और करुणा जैसी बातें जो पहले लोगों को एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जोड़े रखती थीं, अब कहीं खो गईं हैं.
करण बचपन से ही बॉलीवुड से परिचित रहे हैं. उनके दिवंगत पिता यश जौहर ने अपनी फिल्म निर्माण कंपनी 'धर्मा प्रोडक्शन' के तहत 'दोस्ताना' 'अग्निपथ' और 'हम' जैसी कालजयी फिल्मों का निर्माण किया था.
करण ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया, 'मैं पिछले दौर की जादुई बातें सुनता हूं तो मुझे बड़ा अफसोस होता है. पहले फिल्म जगत में लोग एक दूसरे के प्रति प्रेम रखते थे, जबकि हर कोई अलग अलग फिल्में बना रहा होता था. और आज एक उद्योग के रूप में हमने एक दूसरे से मतलब रखना ही छोड़ दिया है.'
करण 1995 से बॉलीवुड में सक्रिय रहे हैं. हाल ही में उन्होंने तीन निर्देशकों अनुराग कश्यप, जोया अख्तर और दिबाकर बनर्जी के साथ मिलकर फिल्म 'बॉम्बे टॉकीज' का निर्माण किया है. फिल्म चार लघुफिल्मों का संग्रह है जिसे भारतीय सिनेमा जगत के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रदर्शित किया जाएगा.
करण ने 'बॉम्बे टॉकीज' के निर्माण के अनुभव के बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने उन चारों के साथ काम करते हुए एक अपनत्व महसूस किया. मुझे लगा हममे कितना तालमेल है और वह बढ़ता जा रहा था.'
संवेदनशील और भावुकता से भरी पारिवारिक फिल्में बनाने के लिए पहचाने जाने वाले करन ने कहा, 'मैं जिन बातों से प्रभावित होता हूं उन पर फिल्म बनाता हूं. फिलहाल कोई पारिवारिक फिल्म बनाने के लिए मेरे पास कोई प्रेरणा नहीं है.'
फिलहाल करण 'गिप्पी' 'ये जवानी है दीवानी' और 'गोरी तेरे प्यार में' फिल्मों के निर्माण में व्यस्त हैं.
फिल्म 'बॉम्बे टॉकीज' का प्रदर्शन आगामी 15 मई को प्रतिष्ठित 'कांस फिल्म समारोह' में किया जाएगा.