फिल्म मेकर, एंकर, आरजे और एक्टिंग, ऐसे कई काम हैं जिसे करण जौहर पूरे परफेशन के साथ कर चुके हैं. आज की तारीख में इंडस्ट्री के सक्सेसफुल सेलेब की लिस्ट में वे टॉप पर हैं. उनकी हाजिरजवाबी और बोलने के अंदाज को लाखों लोग पसंद करते हैं. लेकिन उनकी जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी आया, जब आवाज की वजह से लोग उन्हें ताने देते थे. वो इतने परेशान हुए कि डॉक्टर के पास अपना इलाज भी कराने पहुंच गए.
करण जौहर ने एक इवेंट में अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़े कई राज खोले. उन्होंने बताया, "मैं बचपन से ये सुनते हुए बड़ा हुआ कि लड़कियों जैसे मत चलो, उनकी तरह डांस मत करो. कई बार तो लोग मुझे कहते थे कि तुम्हारी आवाज लड़कियों जैसी है. इस बात से परेशान होकर 15 साल की उम्र में अपना इलाज कराने पहुंच गया था."
करण ने बताया, "मैं स्पीच थेरपिस्ट के पास गया और उनसे कहा कि मेरी आवाज बदल दो. सब कहते हैं मेरी आवाज लड़कियों जैसी है. इसके लिए ट्रेनिंग भी ली, आवाज को ठीक करने की मेरी प्रैक्टिस 3 साल तक चली. ये बहुत बुरा था और टॉर्चर करने वाला सेशन रहा."
करण ने बताया, "जब मैं थेरपिस्ट के पास जाता था तो पापा से कहता था कि ट्यूशन के लिए जा रहा हूं, मैं उनसे ये नहीं कह सकता था कि आदमी बनने के लिए जा रहा हूं."
"मेरे घर पर कभी ऐसा माहौल नहीं रहा कि जो भी कर रहा हूं, जैसा भी हूं वो गलत है."
करण ने बताया 8 साल की उम्र में फिल्म "सरगम" देखी थी. उसके गाने ढपली वाले की घर पर प्रेक्टिस करता रहता था. लेकिन हमेशा जया प्रदा जी का पार्ट करता, कभी ऋषि कपूर जी का पार्ट नहीं किया. सबसे अच्छी बात ये थी कि पापा ने इसे देखकर कभी मुझे रोका-टोका नहीं.
"स्कूल में हमेशा मुझे टीचर और स्टूडेंट से यहीं सुनने को मिला कि क्या लड़कियों की तरह रोते हो, डांस करते हो. तुम तो लड़की जैसे हो. लेकिन इस बात को कभी अपने बच्चों पर नहीं डाल सकता. मुझे मालूम है अगर मेरे बच्चे रोना चाहते हैं तो वो रो सकते हैं. उन्हें किसी जेंडर में नहीं बांध सकता हूं."