धार्मिक कट्टरता पर एक बातचीत में बाबुल सुप्रियो ने माना कि उन्होंने कॉलेज के दिनों में बीफ खाया है. प्रकाश राज के धार्मिक असहिष्णुता के आरोप पर बाबुल ने सफाई दी कि वो धार्मिक भेदभाव नहीं करते.
जब धार्मिक कट्टरता पर एक-दूसरे से भिड़ गए मोदी के मंत्री और प्रकाश राज
उन्होंने कहा, मैं बंगाल में पला-बढ़ा हूं. मैं इमामबाड़े के पास रहा हूं. मैंने कॉलेज के दिनों में बीफ खाया है. मेरे बहुत सारे विदेशी दोस्त हैं. मेरे कई पाकिस्तानी दोस्त हैं. मुस्लिमों के त्योहारों में मैंने खुशियां मनाई हैं, मिठाईयां खाई हैं. मैं यह नहीं कह सकता कि मैं कभी मंदिर नहीं गया या फिर मस्जिद नहीं गया. लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि यदि मुसलमान बस्ती में सुअर का मांस नहीं बेचा जाता तो उसी तरह हिंदुओं के सामने गाय का मांस नहीं बेचा जाना चाहिए.
बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित इंडिया टुडे के ‘कर्नाटक पंचायत’ में एक सेशन के दौरान बाबुल ने ये बातें कहीं. इस सेशन में बाबुल के अलावा अभिनेता प्रकाश राज के कांग्रेस लीडर खुशबू सुंदर, बीजेपी प्रवक्ता मालविका अवनीश भी थीं. राजदीप सरदेसाई ने सत्र मॉडरेट किया.
मेरी दादी नजर उतारने के लिए मुझे मस्जिद ले जाती थीं: बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रीयो ने कहा, धार्मिक सहिष्णुता का मतलब यह नहीं है कि मैं अपने धर्म का आदर न करूं. सबसे बड़ी बात कि अगर मैं खुद अपने धर्म का सम्मान नहीं करता फिर कोई और कैसे करेगा? मैं मंदिर-मस्जिद दोनों ही जगह जा चुका हूं. बचपन का जिक्र करते हुए बताया, मैं किसी तरह के पूजा-पाठ पर विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे याद है मेरी दादी मुझे मस्जिद ले जाया करती थीं. वो बचपन में नजर उतारने के लिए ऐसा करती थीं.