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भूपेन हजारिका को भारत रत्न: वो आवाज जिस पर आज भी हूम हूम करता है दिल

भूपेन हजारिका, असम से आने वाले गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे. उन्होंने कला के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने असम की संस्कृति को कला के जरिए व्यापक पैमाने तक पहुंचाया. संगीतकार, गायक, एक्टर और फिल्म निर्देशक के रूप में वे सक्रिय रहे.

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भूपेन हजारिका
भूपेन हजारिका

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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन नामचीन हस्तियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी नाम शामिल हैं. इनके अलावा डॉ. भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जा रहा है.

बता दें, भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में आयो‍जित होने जा रहे अवॉर्ड सेरेमनी में भारत रत्न दिया जाएगा.

भूपेन हजारिका, असम के गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे. उन्होंने कला के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने असम की संस्कृति को कला के जरिए व्यापक पैमाने तक पहुंचाया. संगीतकार, गायक, एक्टर और फिल्म निर्देशक के रूप में वे सक्रिय रहे.

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उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर असम और पूर्वोत्तर भारत के संस्कृति और लोक संगीत को हिंदी सिनेमा के माध्यम से पेश किया था. हजारिका को 1975 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1987), पद्मश्री (1977), और पद्मभूषण (2001) से सम्मानित किया गया था. तमाम पुरस्कारों के बाद अब वे भारत रत्न से नवाजे जाएंगे.

भूपेन हजारिका ने समाज के तमाम गंभीर मुद्दों को फिल्मों और संगीत के जरिए पेश किया. 8 दिसंबर 1926 को असम में जन्मे भूपेन हजारिका का पांच नवंबर 2011 को निधन हो गया था. भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों को दीवाना बनाया. उन्होंने कई गीतों को जादुई आवाज दी. ओ गंगा तू बहती क्यों है... और दिल हूम हूम करे जैसे गीतों ने भूपेन हजारिका को प्रशंसकों को दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया.

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