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'लव गेम्स' ने सेंसर बोर्ड के 18 कट के खिलाफ जीती जंग

'लव गेम्स' विक्रम भट्ट की अगली फिल्म है और यह एक इरॉटिक थ्रिलर है. ऐसे में सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने इसमें 18 कट सुझाए थे. लेकिन फिल्म के निर्माताओं ने बोर्ड के सामने हथियार डालने से इनकार कर दिया.

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फिल्म 'लव गेम्स' का पोस्टर
फिल्म 'लव गेम्स' का पोस्टर

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'लव गेम्स' विक्रम भट्ट की अगली फिल्म है और यह एक इरॉटिक थ्रिलर है. ऐसे में सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने इसे इसमें 18 कट सुझाए थे. लेकिन फिल्म के निर्माताओं ने बोर्ड के सामने हथियार डालने से इनकार कर दिया.

एडल्ट सर्टिफिकेट के लिए एप्लाइ किया गया था. सीबीएफसी की एग्जामिनिंग कमेटी ने कुछ शब्दों को म्यूट करने के लिए कहा तो किसिंग सीन को छोटा करने के लिए भी बोला और फिल्म का हीरो ड्रग एडिक्ट है ऐसे मे उसे प्यार के जरिये सुधारा जाता है तो स्क्रीन पर ड्रग्स लेने के सीन पर भी आपत्ति जताई गई थी.

प्रोड्यूसर मुकेश भट्ट कहते हैं, 'उन्होंने 18 कट सुझाए जो ठीक नहीं थे क्योंकि हमने 'यू' या 'यूए' सर्टिफिकेट के लिए एप्लाइ नहीं किया. आज के डिजिटल युग में हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है, ऐसे मे एडल्ट लोगों की समझ पर प्रश्नचिन्ह लगाना सही है क्या?' मुकेश भट्ट ने को-प्रोड्यूसर भूषण कुमार के साथ  मिलकर सीधे फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल (एफसीएटी) जाने का फैसला किया. हालांकि उनके पास रिवाइजिंग कमेटी के पास जाने का विकल्प भी मौजूद था.

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इस कवायद का फल मिला और भूषण कुमार कहते हैं, 'एफसीएटी ने फिल्म को समझते हुए इसे बिना किसी कट के ए सर्टिफिकेट दे दिया.'  फिल्ममेकर महेश भट्ट कहते हैं, 'हमारे देश के संविधान ने हमें आजादी का अधिकार दिया है. इसके लिए हमें सीबीएफसी के चेयरमैन या किसी मंत्री के आगे गिड़गिड़ाने की जरूरत नहीं है.' फिल्म से जुड़ी टीम का मानना है कि एग्जामिनिंग कमेटी ने जो सुझाव दिए थे वह फिल्म की आत्मा को खत्म ही कर देते.'

यह दूसरा मौका है जब किसी फिल्म निर्माता ने 'एफसीएटी' का सहारा लिया है. 'जय गंगाजल' के डायरेक्टर प्रकाश झा ने भी 'एफसीएटी' के आगे गुहार लगाई थी तो उनके 11 कट्स को दो बहुत ही मामूली कट्स में तब्दील कर दिया गया था.

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