अनुराग कश्यप को फिल्म इंडस्ट्री के उन चुनिंदा फिल्म निर्देशकों में गिना जाता है, जिन्होंने हमेशा सेंसर बोर्ड के खिलाफ जाकर लोगों के लिए अच्छा और खुले विचार वाला सिनेमा परोसा है. वो इसकी लड़ाई अपने करियर के शुरुआत से ही लड़ते आए हैं.
अनुराग कश्यप ने हिंदुस्तान टाइम्स से फोन पर बातचीत के जरिए बताया कि पिछले कितने सालों से कैसे वो सेंसर बोर्ड से अभिव्यक्ति की आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. अनुराग ने फिल्म हम आप के हैं कौन का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह माधुरी दीक्षित ने इस फैमली ड्रामा फिल्म में जैसी साड़ी पहनी थी वो इंडियन स्टेंडर्ड से थोड़ी अलग थी मगर फिल्म देखने के बाद सभी को उस तरह की एक साड़ी चाहिए ही थी.
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अनुराग की लस्ट रिलीज हो गई है. फिल्म में चार अलग अलग कहानियों को दिखाया गया है, जिसका निर्देशन भी चार अलग-अलग निर्देशकों ने किया है. अनुराग कश्यप के अलावा इसे करण जौहर, जोया अख्तर और दिबाकर बनर्जी ने निर्देशित किया है. अनुराग की स्टोरी एक लेडी प्रोफेसर कालिंदी की कहानी है जिसे राधिका आप्टे ने प्ले किया है.
इस कहानी में राधिका अपने ही एक छात्र के साथ प्यार में पड़ जाती हैं और उसके साथ यौन संबंध भी बनाती हैं. फिल्म की इस कहानी को लेकर अनुराग कहते हैं कि ''देश में फिल्मों के प्रति बनी लोगों की मानसिकता को बदला जा सकता है.''
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बता दें कि फिल्म नेटफ्लिक्स के जरिए 130 मिलियन लोगों तक पहुंचाई जा रही है. इस पर सेंसर की कैंची भी नहीं चली है. इसे लेकर अनुराग कहते हैं कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग भारत में एक बड़ा बदलाव लेकर आनेवाला है. सेंसरशिप भारत में एक बड़ा पॉलिटिकल टूल है. सेंसरशिप लॉ में फेरबदल करने के लिए बड़े संवैधानिक बदलाव की जरूरत है.