रिलीज से पहले विवादों में आई 'मद्रास कैफे' के निर्देशक सुजीत सरकार ने कहा है कि फिल्म श्रीलंका के गृह युद्ध पर आधारित है. इसमें राजीव गांधी की हत्या के मामले से जुड़े सीन जरूर हो सकते हैं, पर यह उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म नहीं है.
सुजीत सरकार ने यह भी कहा कि फिल्म में श्रीलंका के गृह युद्ध का माहौल तैयार करना उनके लिए चुनौती थी. सब कुछ असली लगे इसके लिए उन्होंने फिल्म में असली गोलियों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने दावा किया कि जब दर्शक फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर में घुसेंगे तो फिल्म उन्हें गृहयुद्ध के दौर में ले जाएगी.
उन्होंने आईएएनएस को बताया, 'चूंकि फिल्म आतंकवाद और गृहयुद्ध जैसे गंभीर विषय पर बनी है, इसलिए इसमें सबसे बड़ी चुनौती थी उस दौर का माहौल तैयार करना. यह कोई सुपर हीरो या मारधाड़ वाली फिल्म नहीं है. यह इतिहास की सच्ची घटना पर आधारित है.'
'मद्रास कैफे' पर प्रतिबंध की मांग
सुजीत ने बताया कि उन्होंने चार साल पहले फिल्म पर काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, 'फिल्म के लिए हमने बहुत मेहनत की, रिसर्च किया, किताबें पढ़ीं और इंटरनेट से भी जानकारी जुटाई.'
तमिल समर्थक समूह प्रतिबंधित लिट्टे की कथित रूप से नकारात्मक छवि पेश करने के खिलाफ फिल्म का विरोध कर रहे हैं. इस मामले पर बीजेपी ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर विवाद को और हवा दे दी है. पार्टी ने कांग्रेस से कहा है कि फिल्म की पृष्ठभूमि को लेकर 'विचारों' पर वह अपनी प्रतिक्रिया दे.