टीवी की ताकत क्या है ये बात बी.आर. चोपड़ा बहुत पहले ही पहचान गए थे. शायद यही वजह थी कि एक कामयाब फिल्म निर्देशक होने के बावजूद उन्होंने छोटे पर्दे पर काम करने का फैसला किया. बी.आर. चोपड़ा का बनाया टीवी सीरियल महाभारत हिस्ट्री बन गया. इस शो की ताकत ये है कि इतने वक्त बाद भी ये दूरदर्शन को गजब की टीआरपी दिला पाने में सक्षम है. महाभारत के लिए एक्टर्स की कास्टिंग से लेकर कलाकारों के काम और आउटफिट तक हर चीज कमाल की थी.
साल 1988 में बने इस शो के निर्देशक बी.आर. चोपड़ा थे. हालांकि कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि चोपड़ा साहब फिल्म के निर्देशक जरूर थे लेकिन शो का डायरेक्शन किसी और ने ही किया था. ये शख्स कोई और नहीं बल्कि खुद बी.आर. चोपड़ा के बेटे रवि चोपड़ा थे. रवि और बी.आर. की डायरेक्शन स्किल्स काफी हद तक एक जैसी थीं. एक इंटरव्यू में बी.आर. चोपड़ा ने खुद ये बात बताई थी कि यदि एक ही सीन को वो और उनका बेटा शूट कर देते थे तो कोई दोनों में फर्क नहीं बता पाता था कि कौन सा किसने शूट किया होगा.
'मैं शो का निर्देशक बेशक था लेकिन डायरेक्शन मेरे बेटे रवि ने किया'
महाभारत के इस विशाल प्रोजेक्ट में रवि चोपड़ा को-डायरेक्टर यानि सह निर्देशक थे. उन्होंने कलाकारों के गेटअप से लेकर उनके काम और शूटिंग सीक्वेंस तक बहुत सारी चीजें तय की थीं. बी.आर. चोपड़ा ने इंटरव्यू में खुद ये बात कही थी कि मैं शो का निर्देशक बेशक था लेकिन डायरेक्शन मेरे बेटे रवि ने किया था. रवि चोपड़ा घंटों तक राही मासूम रजा के साथ बैठकर उनसे कहानी और तमाम कई बुनियादी बातों पर बातें किया करते थे.
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मैं समय हूंकम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि राही मासूम रजा ने ही महाभारत के नरेशन का आइडिया जेनरेट किया था. नरेशन का आइडिया देते वक्त वह महाभारत के लिए एक राइटिंग पीस लेकर बी.आर. चोपड़ा के पास पहुंचे थे. लेकिन जब उन्होंने नरेशन से लेकर सीक्वेंस तक कुछ चीजें सुनाईं तो बी.आर. चोपड़ा और बाकी टीम इतनी इंप्रेस हुई कि उन्होंने राही मासूम रजा को इस फिल्म की कहानी लिखने का कार्यभार देने का फैसला कर लिया.