फिल्ममेकर महेश भट्ट के मुताबिक वो नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पर आधारित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज जमा नहीं करेंगे. स्वराज इंडिया के संस्थापक और एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में महेश भट्ट को भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए देखा जा सकता है.
साथ ही उन्हें ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि अगर नागरिकता संशोधन विधेयक कानून बना तो वो अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज नहीं जमा करेंगे. योगेंद्र ने वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा- “शुक्रिया महेश भट्ट इस वचन को लेने के लिए और नागरिकता संशोधन के खिलाफ राष्ट्रीय मुहिम शुरू करने के लिए."
हम सभी ये वचन लें और एक और व्यक्ति को अपने संविधान की रक्षा के लिए आमंत्रित करें, साथ ही CAB आधारित NRC का बहिष्कार करें. मैं प्रशांत भूषण के साथ शुरुआत करता हूं." महेश भट्ट ने रविवार सुबह मुंबई में राजगृह पर CAB के खिलाफ ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. राजगृह वो जगह है जहां कभी संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ बी आर अम्बेडकर रहते थे. इस कार्यक्रम में भारत के संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी गई.Thanks @MaheshNBhatt for taking this pledge and kicking off a national campaign against Citizenship Amendment.
Let's all take this pledge and invite another person to defend our constitution and boycott CAB based NRC.
AdvertisementI begin with @pbhushan1 pic.twitter.com/82qKR9gnDW
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 15, 2019
लोकतंत्र को बचाने के लिए हमेशा आगे आना चाहिएWe the people of India , having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC.( At Ambedkar’s abode . After reading the Preamble of our Constitution.) @ShashiTharoor @JhaSanjay @mathewmantony pic.twitter.com/OsFoagg3PI
— Mahesh Bhatt (@MaheshNBhatt) December 15, 2019
कार्यक्रम के बाद इंडिया टुडे से बात करते हुए भट्ट ने कहा, "लोकतंत्र को जब भी खतरा हो उसे बचाने के लिए हमेशा आगे आना चाहिए. हम यहां ऐसा ही करने के लिए हैं. मेरी मां ने मुझे बताया था कि जब घर में आग लगी हो तो सबसे प्रिय वस्तुओं को उठा कर भागना चाहिए. बच्चे सबसे प्यारे होते हैं." जब भट्ट से विधेयक के कानून बनने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अगर लोग नहीं समझ रहे तो सरकार की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को समझाए कि ये विधेयक किस तरह नुकसानदायक नहीं है."