के.सी. बोकाड़िया की 'डर्टी पॉलिटिक्स' में मल्लिका शेरावत का किरदार इन दिनों चर्चा में है. बोकाड़िया उन्हें अपनी दूसरी फिल्म में भी ले रहे हैं.
यह दिलचस्प है कि राजनीति के केंद्र में महिलाओं को रखकर मधुर भंडारकर ने ‘सत्ता’ और गुलजार ने ‘हुतुतू’ का निर्माण किया था लेकिन अफसोस! ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अधिक कामयाब नहीं हुई. फिलहाल गुजरे दौर के निर्माता निर्देशक के.सी. बोकाडिया फिल्म ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ के साथ आए हैं जिसमें मल्लिका शेरावत, अनोखी देवी नाम की ऐसी चालाक महिला का किरदार निभा रही हैं जो नेताओं की कमजोरी का फायदा उठाकर राजस्थान की मुख्यमंत्री बनना चाहती है.
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मधुर भंडारकर और गुलजार की फिल्मों की नाकामयाबी ने निर्देशक के.सी. बोकाडिया को इस बात के लिए सोचने पर मजबूर नहीं किया कि कहीं ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ का अंजाम भी ऐसा ही न हो? उन्होंने इसका जवाब कुछ यूं दिया, 'मैंने हमेशा वुमेन ओरिएंटेड फिल्में ही बनाई हैं. कब तक चुप रहूंगी, 'कुदरत का कानून' और 'फूल बने अंगारे' जैसी फिल्में उनका सबूत है. ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ में पॉलिटिक्स भले ही हो लेकिन इसमें भी मैं महिलाओं की समस्या ही दिखा रहा हूं. मुझे लगता है कि मैं महिलाओं के मुद्दे को बहुत अच्छे से हैंडल कर सकता हूं. रही बात मल्लिका की तो मैंने उनको उनके ग्लैमर के लिए नहीं बल्कि उनके परफॉर्मेंस के आधार पर चुना है. मुझे इस बात का अफसोस है कि मल्लिका को जिस तरह के किरदार मिलने चहिए थे वह नहीं मिले लेकिन साथ ही खुशी है कि वे ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ के साथ आ रही हैं. उनकी ताकत मैंने देखी है और उन्होंने ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ में जो काम किया है उससे उनके विरोधी भी उनका लोहा मान जाएंगे. मैं आपको यह भी बता दूं कि जल्द ही मैं मल्लिका के साथ अपनी फिल्म ‘फूल बनें अंगारे’ का रीमेक बनानेवाला हूं. इसमें मलिका, रेखा का किरदार निभाएंगी.
डायरेक्टर के.सी. बोकाडिया के निर्देशन में बनीं फिल्म ‘डर्टी पॉलिटिक्स ’ अगले साल 13 फरवरी को रिलीज होगी. फिल्म में ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, मल्लिका शेरावत, जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा, गोविंद नामदेव, अतुल कुलकर्णी, सुशांत सिंह और राजपाल यादव हैं.