70वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर सरकार ने पद्म अवॉर्ड की घोषणा की है. एक्टर मनोज बाजपेयी को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया. इस पर मनोज का कहना है- ये पुरस्कार उन लोगों के लिए हैं जिन्होंने मेरी सिनेमाई यात्रा में मेरे टैलेंट पर भरोसा जताया.
49 साल के मनोज ने 1994 में आई फिल्म द्रोहकाल से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने विश्व स्तर पर सराही गई शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन में एक छोटा सा रोल किया था. रामगोपाल वर्मा ये फिल्म देखने के बाद मनोज की परफॉर्मेंस से बेहद प्रभावित हुए थे और काफी वक्त से उनकी तलाश में थे. जब ये तलाश पूरी हुई तो उन्होंने मनोज को अपनी फिल्म सत्या में भीखू म्हात्रे का लीड रोल दिया. मनोज को अपने इस रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
मनोज ने कहा, 'सरकार की तरफ से पहचान मिलना एक अच्छा एहसास है. ये गौरव सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि उन सभी के लिए है जिन्होंने मेरे टैलेंट पर भरोसा किया और मेरी काबिलियत पर विश्वास जताया. मैं आगे भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करता रहूंगा. मनोज ने कहा कि वे इंडस्ट्री में 25 साल की सफलता मनाने के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं. इस सम्मान ने खुशी को और बढ़ा दिया है.'
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सत्या के बाद मनोज ने शूल, कौन, जुबैदा, पिंजर, अलीगढ़ और गली गुलियां जैसी नॉन कमर्शियल फिल्मों से क्रिटिक्स की तारीफें बटोरी तो स्पेशल 26, राजनीति, आरक्षण, सत्यमेव जयते, वीर जारा, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों से कमर्शियल फिल्मों में भी सफलता हासिल की.
मनोज जल्द ही अभिषेक चौबे की फिल्म सोनचिड़िया में नज़र आने वाले हैं. इस फिल्म में मनोज के साथ सुशांत सिंह राजपूत, आशुतोष राणा और रणवीर शौरी जैसे कलाकार नज़र आएंगे. रणवीर और मनोज फिल्म गली गुलियां में भी साथ काम कर चुके हैं. इसके अलावा मनोज नेटफ्लिक्स की फिल्म ढाका में भी काम कर रहे हैं.