लंबे समय से मल्टीप्लेक्स के मालिकों को शिवसेना और एम एन एस पार्टी की ओर से मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग और उन्हें कम दामों पर दिखाने की चेतावनी दी जा रही थी. एमएनएस की ओर से सोमवार को पीवीआर सिनेमा और दूसरे मल्टीप्लेक्स के मैनेजमेंट को पत्र लिखकर हर हफ्ते प्राइम टाइम में मराठी सिनेमा दिखाने का चेतावनी दी थी. संगठन के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा न हुआ, तो एमएनएस उनसे अपने स्टाइल में निपटेगा.
इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने सभी मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम पर मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग के आदेश दिए हैं. यह नियम शहर के सभी 27 मल्टीप्लेक्स पर लागू किया गया है और जारी निर्देशानुसार अगर कोई मल्टीप्लेक्स ऐसा नहीं करता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इस नए अदोश के अनुसार मराठी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम का शो देना अनिवार्य होगा और इसी के साथ सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान के साथ ही दादासाहब फाल्के का सम्मान गीत चलेगा. महाराष्ट्र सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि राज्य के 199 कानून में से बॉम्बे शब्द हटेगा इसके बदले में मुंबई शब्द का इस्तेमाल होगा.
हालांकि मल्टीप्लेक्स के मालिकों का कहाना है कि मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग करने में उन्हें कोई आपत्ती नहीं है लेकिन इन फिल्मों को कम दर्शक मिलने से उन्हें घाटा होता है.