'मसान' फिल्म में अभिनय कर चुके एक्टर विक्की कौशल की फिल्म 'जुबान' इस हफ्ते रिलीज हो रही है, 'मसान' में उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया था. विक्की कौशल मशहूर स्टंट डायरेक्टर शाम कौशल के बेटे हैं. उनसे हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ मुख्य अंश:
आपका बचपन कैसा था?
मैं मुंबई में पला बढ़ा हूं, मालवानी इलाके के 10/10 के चॉल में हम लोग रहते थे जहां अलग से किचन या बाथरूम भी नहीं होता था. वहां से मैंने अपने पापा (शाम कौशल) की भी जर्नी देखी है. उनकी मेहनत और बलिदान की वजह से कामयाबी मिलती रही, पापा ने हमेशा हमसे अपनी जिंदगी के स्ट्रगल को शेयर किया, जिससे मुझे अपने एक-एक कपड़े की अहमियत पता थी.
पापा क्या कभी भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी बातें घर पर शेयर करते थे?
नहीं, पापा फिल्मी दुनिया कभी भी घर पर लेकर नहीं आए. मैं कभी भी उनके फिल्मों के सेट पर या स्क्रीनिंग में नहीं गया. मैं साधारण बच्चा पढ़ाई करता था, क्रिकेट खेलता था और फिल्में देखता था.
आपने इंजीनियरिंग भी की है?
जी, मैं साइंस का स्टूडेंट हुआ करता था और उस समय पढ़ाई में सिर्फ मेडिकल या इंजीनियरिंग का ऑप्शन होता था. तो मैंने इंजीनियरिंग ज्वॉइन कर ली. मेरे पिता ने पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए किया है और उनका सपना टीचर बनने का था. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, तो वो बन नहीं पाए, फिर पापा बॉम्बे आए, स्ट्रगल की और आज वो मेहनत की वजह से काम कर रहे हैं. तो मेरे पापा ने ही कहा है कि प्लानिंग में वक्त नहीं बिताना चाहिए, बल्कि आज में ही काम कर लेना चाहिए.
तो आप इंजीनियर बने?
जी जब मैं सेकंड ईयर में था तो इंडस्ट्रियल विजिट पर गया, तो वहां पता चला कि इंजीनियरिंग की जॉब मुश्किल है, तो मैंने वो नहीं की. बचपन से मेरा थिएटर और स्टेज की तरफ ज्यादा रुझान था. फिर मैंने खुद से पुछा कि आखिर मैं क्या करना चाहता हूं, और उसी पल मैंने पापा से भी कहा की मैं एक्टिंग करना चाहता हूं.
पापा ने कहा, 'तू इसलिए बनना चाहता है क्योंकि मैं इंडस्ट्री में हूं, अगर तू ये सोच रहा है तो मैं बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं करुंगा और चाहूंगा कि तू इंजीनियर बने. मैंने कहा कि आपकी स्ट्रगल मैंने देखी है तो मैं उस फिराक में नहीं हूं, बस मैं वो काम करना चाहता हूं, जिसकी तरफ मेरा झुकाव है. उसके बाद घरवाले ने मेरे इस फैसले में मेरा साथ दिया और मैंने एक्टिंग के लिए कमर कस ली.
पहली बार आपने कैमरा कब फेस किया था?
मैं 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में असिस्टेंट डायरेक्टर था और पहली बार मुझे क्लैप देनी थी. उसकी रिहर्सल भी मैंने कई बार की , मेरे हाथ उस दिन बहुत कांप रहे थे. मुझे आज भी याद है वो सीन मनोज सर (मनोज बाजपेयी) का था और शॉट नंबर 72 A था, बनारस में शूटिंग चल रही थी. मुझे बस यही डर था कि मेरी वजह से टेक गड़बड़ ना हो जाए. उस दिन मैं बहुत ही नर्वस था. तो वो मेरा पहला अनुभव था.
मसान को आप जिंदगी की अहम फिल्म मानते हैं?
बिल्कुल, मुझे कभी बहुत बड़ा लॉन्च नहीं मिला. बस इतना पता है कि लोग मुझे मेरी काम की वजह से पहचानते हैं और 'मसान' ने मुझे वही दिया. मैं इंडस्ट्री में लोगों का बहुत शुक्रगुजार हूं.
अनुराग कश्यप की अगली फिल्म भी आप कर रहे हैं?
जी मैं उनकी 'रमन राघव' वाली फिल्म कर रहा हूं. अनुराग सर से मैंने बहुत कुछ सीखा है 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में काफी अनुभव मिला. और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के सामने मैं क्लैप दिया करता था और आज उनके साथ काम कर रहा हूं. मैं खुद को बहुत ही खुशनसीब समझता हूं.
नवाजुद्दीन सर से भी मैंने बहुत कुछ सीखा है, जब वो 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में फैजल खान की एक्टिंग के लिए रात भर लुंगी पहनकर पूरे शहर में घूम रहे थे, उन्होंने किरदार को जिया था. मैंने नवाज सर से ही प्रेरित होकर 'मसान' फिल्म के लिए खुद की तैयारी की थी.