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NSD में अब भी जिंदा हैं ओमपुरी की यादें

अभिनेता ओम पुरी हमारे बीच नहीं रहे मगर जिस राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने ओम पुरी को ओम पुरी बनाया उसमें उनकी यादें अब भी फिजाओं में तैर रही हैं.

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राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली

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अभिनेता ओम पुरी हमारे बीच नहीं रहे मगर जिस राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने ओम पुरी को ओम पुरी बनाया उसमें उनकी यादें अब भी फिजाओं में तैर रही हैं. गौरतलब है कि एनएसडी से ही ओम पुरी ने थिएटर की पढ़ाई की थी. इसी सिलसिले में उनको एनएसडी में याद किया गया.

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ओम पुरी को याद करते हुए एनएसडी के प्राध्यापक मोहन भारद्वज ने कहा कि ये पूरे एनएसडी परिवार के लिए बड़ी क्षति है. आजतक से बात करते हुए मोहन भारद्वाज ने कहा कि ओमपुरी साहब पिछले बरस एनएसडी रंग महोत्सव में बहुत शौक से शामिल हुए थे और अगले बरस आने का भी वायदा किया था. मगर अफसोस ये वायदा पूरा नही हो सका.

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वही दूसरी तरफ एनएसडी में ही ओम पुरी से 3 साल जूनियर रहे रंगकर्मी अमिताभ श्रीवास्तव ने ओम पुरी के साथ अपनी याद शेयर करते हुए कहा कि कमल हसन की फिल्म में काम के दौरान कुछ वक्त पहले ओम भाई मुझे मिले थे और हमने खूब हंसी मजाक किया, वहां मेरा काम हिंदी डायलाग का था तो ओम भाई मुझे वहां हिंदी पंडित बुलाते थे. ओम भाई हमारे सीनियर ही नही एक मार्गदर्शक भी थे.

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युवा फिल्म लेखक गौरव आसरी ने बताया कि ftii में पढ़ाई के दौरान ओम पुरी सर की आक्रोश फिल्म हमने सैकड़ों दफे देखी और आज भी जाने भी दो यारों, आक्रोश जैसी फिल्में मुम्बई में काम कर रहे युवा फिल्मकारों के लिए प्रेरणा स्रोत की तरह हैं. युवा फिल्म लेखक मुकेश पांडेय ने कहा कि समानांतर सिनेमा का कलात्मक रास्ता ओम पुरी सर के जाने से सूना हो गया है, उनकी स्ट्रगल लाइफ युवाओं के लिए एक मिसाल थी.

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