विवादों में चल रही फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर आखिरकार रिलीज हो गया. राकेश ओमप्रकाश मेहरा की इस फिल्म की कहानी के कॉन्सेप्ट पर विवाद है. फिल्म का ट्रेलर काफी सराहा जा रहा है. फिल्म स्वच्छता पर आधारित है. 2.30 मिनट का ट्रेलर दर्शक पर अपना असर छोड़ता है.
ट्रेलर से कहानी समझ आती है कि 8 साल का एक लड़का कन्हैया अपनी मां के साथ मुंबई की स्लम में रहता है. लेकिन उनकी जिंदगी में बदलाव तब आत है, जब खुले में शौच के लिए जाने पर उसकी मां के साथ दुष्कर्म हो जाता है. इसके बाद कनु मां के लिए शौचालय बनवाने प्राइम मिनिस्टर को खत लिखता है और पूछता है- आपकी मां के साथ ऐसा होता तो आपको कैसा लगता?
ट्रेलर की शुरुआत दिल्ली के राजपथ से बताई गई है. जहां कानु अपने दो और दोस्तों के साथ प्राइम मिनिस्टर से मिलने की उम्मीद लिए पहुंचता है. इसके बाद ट्रेलर में कुछ कॉमेडी सीन भी दिखे हैं. ट्रेलर में अरिजीत सिंह की आवाज में टाइटल ट्रैक सुनाई देता है. कनु कहता है मांगने से कुछ नहीं होता, करने से होता है. और वह सिर्फ एक ही आदमी कर सकता है- गांधी जी.
बताया गया है कि फिल्म का आइडिया राकेश ओमप्रकाश मेहरा को भाग मिल्खा भाग की शूटिंग के दौरान आया था. जब वे शूटिंग खत्म करने के बाद सुबह 4 बजे के आसपास फिल्म सिटी के पास बने एक स्लम से गुजर रहे थे. जहां बड़ी तादाद में महिलाएं खुले में शौच कर रहीं थीं, लेकिन एक गाड़ी आती देख वे तुरंत वहां से हट गईं. राकेश ने बताया कि देश में महिलाओं से 50 फीसदी रेप केस खुले में शौच के लिए होते हैं.
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ये था फिल्म पर विवाद
फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' को लेकर काफी दिनों से एक विवाद बना हुआ है. राइटर मनोज मैरता ने फिल्म में क्रेडिट ना देने का आरोप लगाया है. ये मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. इससे पहले स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन की डिस्प्यूट सेटलमेंट कमेटी मनोज के हक में फैसला सुना चुकी है. रोम फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की स्क्रीनिंग कर दी गई है. मनोज का आरोप है कि फिल्म में उनका नाम बतौर स्क्रीन राइटर नहीं दिया जा रहा है. जबकि स्टोरी और स्क्रीनप्ले उनका है.