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खबरों से ज्यादा अपने काम पर ज्यादा ध्यान देती हूं: दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण इन दिनों फिल्म 'पीकू' की प्रमोशन में जुटी हैं. इस फिल्म में दीपिका अमिताभ बच्चन की बेटी 'पीकू' का किरदार अदा कर रही हैं.

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Deepika Padukone
Deepika Padukone

दीपिका पादुकोण इन दिनों फिल्म 'पीकू' की प्रमोशन में जुटी हैं. इस फिल्म में दीपिका अमिताभ बच्चन की बेटी 'पीकू' का किरदार अदा कर रही हैं. फैमिली कॉमेडी पर बेस्ड इस फिल्म के बारे में दीपिका से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश:

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बताएं क्या है 'पीकू'?
यह एक बहुत ही मेरे दिल के करीब लड़की है जिससे मैं खुद सम्बन्ध रखती हूं, मैं जब लगभग 20 साल की थी तब मुंबई आई, घर चलाना, काम करना सब सीखा क्योंकि मुंबई में मैं अकेली रहती हूं तो यह एक ऐसा किरदार है जिससे मैं काफी मिलती जुलती हूं.

आपके खुद के बाबा (पिताजी) कैसे हैं?
मेरे खुद के पिताजी (प्रकाश पादुकोण), इस फिल्म के बाबा (अमिताभ बच्चन) से बहुत अलग हैं. मेरे पिताजी काफी शांत रहते हैं सबसे बड़ी बात है की मैं दोनों के साथ (अमिताभ और प्रकाश पादुकोण) सामान तरह का सम्बन्ध रखती हूं.

पापा से डांट पड़ती है?
नहीं, बिल्कुल नहीं पड़ी.

रोड ट्रिप पर आप जाती हैं कभी?
एक बार गयी हूं पर पिताजी के साथ नहीं बल्कि दोस्तों के साथ.

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एक ही वक्त पर आप 'पीकू' 'तमाशा' और 'बाजराव मस्तानी' की शूटिंग कर रही थी, कैसे?
जी वो जब हम कॉस्ट्यूम, और रिहर्सल करते हैं तो ऑटोमैटिक उसी माहौल में चले जाते हैं, तो अलग-अलग फिल्में एक ही वक्त पर करते रहना कोई रॉकेट साइंस नहीं है.

अमिताभ बच्चन ने आपको नाम दिया है 'दीपिकु' ?
जी, यह बहुत ही आश्चर्यजनक था,और हंसी मजाक के दौरान आ गया. अमिताभ जी ने यह नाम दिया, काफी अच्छा लगा.

शूटिंग के दौरान अभी भारत का कोई ऐसी जगह है जहां आप जाना पसंद करेंगी?
मुझे जंगल के इलाकों में जाना है जैसे रणथम्बौर वहां का वन जीवन देखना है.

फिल्म के दौरान क्या-क्या सीखा आपने?
जब भी मैं कोलकाता जाती हूं तो मुझे लगता है कि यह काफी करीबी शहर है. मैं मॉडलिंग के दौर में भी जाती थी और आज भी जाती हूं. वहां की भाषा भी जानने और सीखने को मिलती है. वहां की ट्रेन, पुरानी इमारतों को अभी भी काफी अच्छे से संजो के रखा हुआ है.

'ओम शांति ओम' की शांति से अब 'पीकू' तक के सफर में आप अपने बारे में छपने वाली खबरों को कैसे लेती हैं?
बिल्कुल पहले जैसे ही लेती हूं, कभी अच्छा लगता है, कभी बुरा लगता है ,लेकिन मैं अपने काम पर ज्यादा फोकस करती हूं.

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क्या पसंद है आपकी दिनचर्या में?
हर रोज मेरे रूटीन में नाश्ता बहुत जरूरी है. सोकर उठने के आधे घंटे के भीतर मुझे नाश्ता चाहिए ही चाहिए जैसे डोसा उपमा वगैरह. मैं हर तरह के खाने को बड़े चाव से खाती हूं.

आने वाली फिल्मों का क्या स्टेटस है?
'तमाशा' तैयार है, हो सकता है इस साल रिलीज हो जाए और 'बाजीराव' भी इसी साल रिलीज होगी. पहले 'पीकू', फिर 'तमाशा' और उसके बाद 'बाजीराव मस्तानी' रिलीज होगी.

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