भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ब्रिटेन में कराए गए एक सर्वेक्षण में लोगों ने निर्माता के. आसिफ की 1960 के दशक की फिल्म ‘मुगले आजम’ को हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ कृति माना है.
ब्रिटिश एशियाई साप्ताहिक अखबार ‘ईस्टर्न आई’ की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में मधुबाला दिलीप कुमार स्टारर इस फिल्म ने निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले’ को पछाड़ कर पहला स्थान हासिल किया.
निर्माता के. आसिफ के पुत्र अकबर आसिफ ने कहा, ‘भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने के समारोह में मेरे पिता की फिल्म मुगले आजम का हिन्दी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ कृति चुना जाना बहुत बड़ा सम्मान है और पूरे परिवार के लिए यह बड़े गर्व की बात है.’ उन्होंने कहा, ‘रिलीज के 50 वर्ष बाद भी पूरी दुनिया से इसे प्रेम मिल रहा है, जो दिखाता है कि इस अद्भुत फिल्म को बनाने के लिए मेरे पिता के. आसिफ ने जो अनगिनत बलिदान दिए हैं वह उपयुक्त थे.’
अखबार ‘ईस्टर्न आई’ के शोबिज संपादक और फैसला करने वाले पैनल के अध्यक्ष असजाद नजीर के बॉलीवुड में किसी विषय पर सबसे ज्यादा काम हुआ है वह है रोमांस, और यह सभी रोमांटिक फिल्मों की मां है.’
हिन्दी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ 100 फिल्मों की सूची में ‘मुगले आजम’ के बाद ‘शोले’ को दूसरा स्थान मिला. इसके बाद क्रमश:- दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे (3), मदर इंडिया (4), आवारा (5), दीवार (6), 3 इडियट्स (7), कभी कभी (8), अंदाज (9), और मैंने प्यार किया (10) का नंबर आया.