एक्ट्रेस रवीना टंडन ने आज तक के खास कार्यक्रम "मुंबई मंथन 2018" में #MeToo कैंपेन के बारे में खुलकर बातचीत की. रवीना हाल ही में CINTAA की एडवाइजरी कमेटी की सदस्य चुनी गई हैं.
उन्होंने कहा, "आपको समझना होगा कि हर वक्त सामने वाले की इच्छा गलत नहीं होती है. कभी यदि कोई आपकी तारीफ कर रहा है और कह रहा है कि आप बहुत अच्छी लग रही हैं या कोई आपको शाबाशी दे रहा है तो हमेशा उसके इरादे गलत नहीं होते."
रवीना ने कहा कि कई लोग इस मूवमेंट का फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, "कुछ लोग ऐसे हैं जो #MeToo का फायदा उठाना चाहते हैं. हालांकि पहले की तुलना में आज हालात सुधरे हैं. एक वक्त था जब महिलाओं को ऐसी सिचुएशन में समझ नहीं आता था कि जाएं तो कहां जाएं. अब हालात सुधरे हैं. अब हमारे पास एक ग्राउंड है जहां महिलाएं खड़ी होकर अपनी बात कह सकती हैं."
#. नेपोटिज्म पर रवीना
"हां, ये एक फैक्ट है. इंडस्ट्री में आउटसाइडर के लिए काम करना मुश्किल होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि हमारे पास सक्सेस स्टोरीज नहीं हैं. हमारे पास शाहरुख खान, कंगना रनौत, सोनू सूद, प्रियंका चोपड़ा, कटरीना कैफ जैसे बड़े नाम हैं. ऐसा नहीं है कि मेजोरिटी में इंडस्ट्री के बच्चे ही हैं. बहुत सारे लोग हैं जो बाहर से आए हैं और सक्सेस हुए हैं."
"मैं इंडस्ट्री चाइल्ड हूं लेकिन मैंने कभी अपने पिता से नहीं कहा कि मुझे लॉन्च करें. मैंने कहा अगर मुझमें टैलेंट होगा तो मुझे काम मिलेगा. मैं अपने खुद के पैरों पर खड़ी हुई. हालांकि, मुझे पोर्टफोलियो नहीं भेजना पड़ा. यहां-वहां तस्वीरें नहीं भेजनी पड़ी कि मुझे काम दे दीजिए. मैं रवि टंडन की बेटी हूं मुझे काम दे दीजिए. लोगों ने मुझे कॉलेज में और इधर-उधर देखा था, जिसके बाद मुझे काम ऑफर किया था."
#. सोशल मीडिया से बदली स्टार्स की लाइफ
रवीना ने कहा, "सोशल मीडिया का अच्छा और खराब, दोनों हो सकता है. 90 के दशक में ये नहीं था. अब हमको एक मीडियम मिल गया है. जहां आप अपने फैक्ट आगे रख सकते हो जो पहले नहीं था. पहले संपादकों से रिक्वेस्ट करना पड़ता था. जो छप गई वो छप गई. स्टे ले आओ, केस भी दर्ज करो. कुछ नहीं होता था. सालों लग जाते थे. पर आज सोशल मीडिया की वजह से लोग फैक्ट और प्रूव रख सकते हैं."
#. इंडस्ट्री में सुरक्षा सबसे जरूरी सवाल
रवीना ने कहा, "स्थिति तो बेहतर हुई है. मीटू कैम्पेन के बाद थोड़ी सफाई भी हो जाएगी. इसकी बहुत जरूरत थी. हमारी इंडस्ट्री को हेल्दी सेफर माहौल देने के लिए ये जरूरी था. सबकी सुरक्षा सबसे जरूरी सवाल है."
#. बदलाव पर गर्वरवीना ने कहा, "उस समय भी लोग बोलते थे. लेकिन इतना सपोर्ट नहीं था. उस वक्त का कैम्प मेल यानी हीरो डोमिनेंट होता था. निर्माताओं को भी लगता था कि हीरो ही मेरा बेड़ा पार लगाएगा. यह जाहिर तथ्य है बिलकुल खुला हुआ. आप शिकायत लेकर जाते थे तो सिनेमा की तमाम संस्थाओं में जिसका पलड़ा भारी होता था उसकी चलती थी. मैग्जीन एडिटर भी आपका वर्जन लेते थे. लेकिन वो भी हीरो से दुश्मनी मोल लेना नहीं चाहते थे. क्योंकि हीरो को मैग्जीन के कवर पर छापना भी था. तब ऐसे हालात थे जिसमें महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब चीजें बदल रही हैं. लोग भी बदल रहे हैं."
रवीना ने कहा, "पहले इस बात की दिक्कत थी कि महिलाएं अपनी शिकायत लेकर कहां जाएं. जो शोषण झेलती हैं वो कहां जाए. मैं आज काफी खुश हूं कि आज महिलाओं के पास अपनी बात रखने के लिए जमीन है. बहुत से लोग समर्थन कर रहे हैं. तमाम अभिनेता और निर्देशक भी समर्थन कर रहे हैं. पूरा परिदृश्य बदल रहा है. मुझे इसका गर्व है."
#. मल्टी टास्किंग हैं रवीना
उन्होंने कहा, "अभी फिलहाल स्क्रिप्ट पढ़ रही हूं. एक स्क्रिप्ट कल ही ख़त्म किया. जल्द कोई प्रोजेक्ट साइन करने वाली हूं. मेरा प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है. एंडोर्समेंट भी कर रही हूं. तीन वेब सीरिज भी बना रही हूं. परिवार की भी जिम्मेदारी है और सोशल एक्टिविटीज में भी शामिल हो रही हूं. कुल मिलाकर मल्टी टास्किंग हूं. गर्ल चाइल्ड और वुमन इम्पावरमेंट के लिए भी काम कर रही हूं. मैंने खुद को खूब व्यस्त रखा है. समाज को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हूं."