मॉडल-एक्ट्रेस शिखा जोशी 16 मई को मुंबई में मृत मिली थीं. उनकी बेटी श्रावणी जोशी ने दावा किया है कि उनकी मां कभी आत्महत्या नहीं कर सकतीं, क्योंकि वह कायर नहीं थीं.
श्रावणी ने अपनी मां की मौत के लिए प्लास्टिक सर्जन विजय शर्मा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उसकी शैक्षिक जिंदगी में खलल डालने वाला भी वही है. 19 की श्रावणी जोशी ने बताया, 'मैं तब तक लड़ूंगी जब तक उसकी मां को न्याय नहीं मिल जाता.' उन्होंने बताया कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर सकतीं कि उनकी मां अपना गला रेतकर अपनी जान लेंगी. उन्होंने कहा, 'क्या आपने कभी इतनी दर्दनाक आत्महत्या के बारे में सुना है?' शिखा परिवार की इकलौती कमाऊ सदस्य थीं. उनके पिता सेवानिवृत्त हो गए हैं और भाई बेरोजगार है.
श्रावणी दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं. वह इससे पहले मुंबई में पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन उसकी मां शिखा द्वारा डॉक्टर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद सब कुछ बदल गया.
श्रावणी ने कहा, 'मां ने जब तक डॉ. शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, तब तक सब कुछ ठीक था. मैं मुंबई में पढ़ाई कर रही थी और मेरी मां का करियर भी अच्छा चल रहा था. लेकिन डॉ. शर्मा की आए दिन की धमकियों ने मां को मुझे वापस दिल्ली परिजनों के पास रहने भेजने के लिए विवश कर दिया. उन्होंने मुंबई में अपना काम भी छोड़ दिया और मुंबई सिर्फ अपने मामले की सुनवाई के लिए जाती थीं.'
श्रावणी ने कहा, 'इन हालात ने परिवार को मेरी सुरक्षा के प्रति चिंतित कर दिया. मैं दिल्ली लौट आई और मुझे घर के बाहर तक जाने की इजाजत नहीं मिली.' श्रावणी ने अपने मामा विशेष जोशी की मौजूदगी में दिए गए इंटरव्यू में बताया कि इस बार जब उनकी मां अदालत की कार्यवाही में शामिल होने मुंबई गईं, तो वहीं रुकने को तैयार हो गईं, क्योंकि एक माह बाद मामले में एक और सुनवाई होनी थी. श्रावणी ने बताया, 'वह अपनी दोस्त मधु भारती के साथ रह रही थीं. मधु ने उन्हें सलाह दी कि वह दिल्ली वापस जाने की बजाय एक माह के लिए मुंबई में ही रुक सकती हैं और थोड़ा-बहुत अभिनय का काम भी कर सकती हैं.'
खबरें आई थीं कि शिखा डिप्रेशन में थीं और उन्हें लगता था कि साल 2011 में उनके साथ हुई छेड़छाड़ की घटना उनके एक्टिंग करियर को नुकसान पहुंचाएगी, लेकिन श्रावणी ने इन खबरों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'वह इस तरह का कड़ा कदम उठाने वाली शख्स नहीं थीं..ऐसी मनगढ़ंत कहानियां केस को कमजोर करने के लिए बनाई जा रही हैं.'
- इनपुट IANS