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मेरा सरनेम ही 'मल्टीटास्कर' है: ऐश्वर्या राय बच्चन

पूर्व मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने हाल ही में फिल्म 'जज्बा' से बॉलीवुड में लंबे अंतराल के बाद वापसी की है. इस फिल्म को लेकर ऐश्वर्या राय से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश

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ऐश्वर्या राय बच्चन
ऐश्वर्या राय बच्चन

पूर्व मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने हाल ही में फिल्म 'जज्बा' से बॉलीवुड में लंबे अंतराल के बाद वापसी की है. इस फिल्म को लेकर ऐश्वर्या राय से हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश:

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'जज्बा' को हां क्यों कहा?
बहुत ही स्ट्रॉन्ग कहानी थी. जब पहली बार संजय जी ने सब्जेक्ट सुनाया तो हां कहना सरल था. काफी चैलेंजिंग था. प्लान नहीं किया था कि‍ यही फिल्म होगी, लेकिन अभी बहुत खुश हूं.

एक बार फिर से पर्दे पर वापसी करने का एक्सपीरियंस कैसा है?
दरअसल आपको कभी नहीं लगता कि‍ कभी आपको ब्रेक लेना है और कब रिटर्न करना है. मैं कभी भी हालात के हिसाब से खुद को ढाल लेती हूं. मेरा सरनेम ही 'मल्टीटास्कर' है. पढ़ाई के टाइम काम शुरू कर दिया था, काम के दौरान सोशल वर्क भी करती थी. फिर 'जोधा अकबर' फिल्म के दौरान ही अभिषेक के साथ शादी हो गई तो परिवार के साथ-साथ फिल्म पर भी ध्यान देती थी. फिर मैं प्रेग्नेंट हुई और ना जाने कब 9 महीने बीत गए और पता ही नहीं चला कब अराध्या मेरी गोद में आ गयी. मुझे अपने हर पल पर नाज है. मुझे मातृत्व पर भी गर्व है. मैं इन सब बातों के लिए ईश्वर का धन्यवाद करती हूं.

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मां बनने के बाद काम पर वापसी में वक्त लगा?

मैं स्क्रिप्ट्स सुनती रहती थी, ब्रांड से जुड़ने भी लगी, मुझे कभी भी काम में ब्रेक नहीं लगा. स्टूडियो भी जाती थी, डायरेक्टर्स से भी मिलती रहती थी. स्क्रिप्ट्स भी ओके कर देती थी. संजय गुप्ता की फिल्म में अभी वक्त था तो पिछले साल मैं मणिरत्नम की फिल्म करने जा रही थी. फिर मणिरत्नम ने हमारी फिल्म को आगे बढ़ा दिया, अब वो अगले साल बनेगी क्योंकि वो बहुत ही बड़ी फिल्म बनने वाली है.

असल जिंदगी में मां होने के कारण क्या 'जज्बा' करना आसान हो गया.
यह सब्जेक्ट काफी अच्छा है, इसे मैं 5 साल पहले या पांच साल बाद भी कर सकती हूं. लेकिन एक मां होने के नाते यह फिल्म करना वाकई अलग था.

आपने फिल्म में काफी स्टंट भी किए हैं?
शरीर ने इज्जत रख ली (हंसते हुए). सेट पर तैयारियों का वक्त नहीं था, बस जाकर काम कर लेते थे. योग और कसरत करना काम आया. फिल्म में बहुत सारा एक्शन नहीं है लेकिन कुछ सीक्वेंस हैं जहां सही तरह से संजय ने एक्शन रखा है.

फिल्में देखती हैं?
हां हम एक दर्शक के रूप में फिल्म देखना पसंद करते हैं. जब हम कोई भी फिल्म देखते हैं तो एक्टिंग और कहानी पर ध्यान जाता ही है.

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आजकल कई तरह की फिल्में आ रही हैं?
हमेशा से होता आया है, लेकिन आजकल बिजनेस की सुरक्षा ज्यादा है. फिल्में बनाना सुरक्षित है, फिल्मों के लिए अच्छा समय है, रिटर्न भी आते हैं और प्रोड्यूसर्स और भी फिल्मों में पैसे लगाते हैं.

अपना फिल्मी सफर कैसे देखती हैं?
मेरी शुरुआत अलग हो सकती थी, लेकिन मिस वर्ल्ड के बाद मैंने अपनी तरह से काम का चयन किया. मैं फिल्ममेकर्स और करीबी दोस्तों, मीडिया और फैंस की आभारी हूं, जिन्होंने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया है.

आपको स्क्रीन पर देख कर आराध्या का क्या रिएक्शन था?
वो अपनी जिंदगी जी रही है. हमारे शहर में पोस्टर्स पहले से ही लगे हुए हैं. वो पहले से ही मां, दादा और पापा को पोस्टर्स में देखती आ रही है. वो कहीं ना कहीं हमें देखती रहती है. वो उसके जहन में है कि‍ उसके पापा, मां और दादा जरूर कहीं ना कहीं दिखते हैं, कभी टीवी पर तो कभी मैगजीन में.

कभी आराध्या ने जिक्र किया कि‍ वो भी एक्ट्रेस बनना चाहती हैं?
शुरू-शुरू में जब कभी वो कोई गाना देखती थी तो उसका कहना होता था कि‍ 'मैं कहां हूं'?, क्योंकि वो हर फोटो में मुझे और खुद को पाती थी, तो उसका रिएक्शन गानो को देखकर ऐसा ही रहता था. लेकिन कभी एक्ट्रेस बनने वगैरह की बात नहीं की.

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सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर आप नहीं हैं?
मैं सोशल नेटवर्किंग साईट्स की पावर को जानती हूं. शुरू-शुरू में मुझे यह बड़ा अजीब लगता था की सबको अपनी पॉपुलैरिटी दिखानी थी. इसलिए मैं उस ट्रेंड से दूर थी. मैं वैसे भी मीडिया के लोगों से मिलती रहती हूं तो मेरी बात मेरे फैंस तक पहुंच ही जाती है. फिर मां बनने के बाद मैं कुछ चीजें पर्सनल ही रखती हूं. इसीलिए मैं सोशल नेटवकरिंग साईट्स पर नहीं हूं. वैसे भी मैं व्यस्त रहती हूं, जब भी मुझे वक्त मिलेगा मैं जरूर कोशिश करना चाहूंगी.

आने वाली फिल्में?
'ए दिल है मुश्किल' और 'मणि रत्नम' की फिल्म.

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