गुलशन कुमार की ह्त्या मामले में सह संदिग्ध के तौर पर नामजद संगीतकार नदीम सैफी ने दाऊद के टेप पर चुप्पी तोड़ी है. फोन पर इंडिया टुडे से बातचीत में उसने बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा, उसका डॉन के साथ किसी तरह का संबंध नहीं है और न ही उसे प्रोटेक्शन मिल रहा है.
क्या कहा नदीम ने ?
नदीम ने उन आरोपों को सिरे से खारिज किया जिसमें अंडरवर्ल्ड के साथ उसके संबंध का आरोप लगाया गया है. उसने कहा, 'जो खबर चलाई गई वो पूरी तरह गलत है. आप लोग क्या कर रहे हैं? ये किस दिशा में जा रहे हैं आप लोग. शरीफ इंसान को बदनाम किया जा रहा है. मैं हूं जो इतना फेस कर रहा हूं. जो चलाया जा रहा है वो झूठ है.'
नदीम ने कहा, 'मैंने ना तो किसी से पैसे लिए हैं ना ही किसी को पैसे दिए हैं. पावर ऑफ़ द प्रेस है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. मैंने उनकी (दाऊद) की आवाज भी नहीं सूनी होगी. सच में इस बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता. मनगढ़ंत कहानियां हैं. मुझे बदनाम किया जा रहा है. आप लोगों को गलत जानकारी मिली है.' नदीम इग्लैंड और दुबई में छिप कर रह रहा है.
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किस टेप पर नदीम ने प्रतिक्रया दी, क्या है पूरा मामला ?
इंडिया टुडे/आज तक की पहुंच ऐसे टेप तक है, जिसमें दाऊद को खुद फोन पर भारत सरकार की मुहिम और नदीम के बारे में फिक्र जताते सुना जा सकता है. नब्बे के दशक में बॉलीवुड की एक हिट संगीतकार जोड़ी का सदस्य रह चुका नदीम सैफी लंबे समय से ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहा है.
12 अगस्त 1997 को मुंबई में गुलशन कुमार की हत्या में नदीम को सह-संदिग्ध के तौर पर नामजद किया गया था. गुलशन कुमार पर एक मंदिर के बाहर तीन हमलावरों ने 16 गोलियां बरसाई थीं. गुलशन कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था.
आज तक के पास मौजूद कॉल इंटरसेप्ट्स से बॉलीवुड के सबसे सनसनीखेज माने जाने वाले गुलशन कुमार हत्याकांड की तह को नए तथ्यों की रोशनी में देखने में मदद मिलती है. 2015 से ही रिकॉर्ड की जाने वाली बातचीत के इन टेप में दाऊद को चिंता जताते सुना जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, दाऊद जिस शख्स के बारे में चिंता जता रहा है वो और कोई नहीं नदीम सैफी ही है. बातचीत के टेप खुलासा करते हैं कि कैसे दाऊद का एक गुर्गा उसे वांछित संगीतकार को लेकर संभावित कानूनी खतरे के बारे में आगाह कर रहा है. बता रहा है कि संगीतकार के ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण संबंधी मोदी सरकार के ताजा शुरू किए गए प्रयासों के क्या निहितार्थ हो सकते हैं.
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बातचीत में अंडरवर्ल्ड के खास कोडवर्ड्स का इस्तेमाल होते सुना जा सकता है. जैसे कि नदीम सैफी का हवाला देने के लिए ‘लंदन फ्रैंड’ और ‘उस्ताद’ जैसे संबोधन. हालांकि इस कोडवर्ड वाली भाषा को डिकोड करने वाले खुफिया अधिकारियों ने, बातचीत के दौरान जिस शख्स के लिए ‘लंदन उस्ताद’ कहा जा रहा है, उसकी पहचान नदीम सैफी के तौर पर ही की है.
दुबई स्थिति दाऊद का एक गुर्गा ब्रिटेन में नदीम सैफी की संभावित गिरफ्तारी की स्थिति में उसे अंडरग्राउंड करने के प्लान के बारे में बता रहा है.
गुर्गा- ‘सर, वो लंदन वाला दोस्त खतरे में आ गया है. इधर, प्रीपरेशन दे दी है ( तैयारी का आदेश), दो दिन में उठाएंगे उसको.’
दाऊद- ‘किसको?’
गुर्गा- ‘वो बड़ा उस्ताद. मैंने सोचा ये खबर आपके सुनने की है. क्योंकि हालात खराब हो सकते हैं इसलिए ‘प्रीपरेशन’ दी है…दो, तीन दिन. उसे सुरक्षा टाइट करने के लिए कहा गया है.’
दाऊद- ‘अच्छा, अच्छा...वो अपने चश्मे वाले आदमी की बात कर रहे हो. सही?’
गुर्गा- जी, जी...’वो कराची वाला चना मुर्श’
जल्दी ही दाऊद प्लान को हरी झंडी दे देता है. साथ ही अपने आदमियों को उसी हिसाब से चलने की बात भी करता है.
दाऊद- ‘ठीक है, ठीक है...मैं बोलता हूं.’
ये इंटरसेप्ट्स दाऊद की लोकेशन को लेकर हाल फिलहाल के समय में सामने आया सबसे सबसे पुख्ता सबूत भी है. टॉप खुफिया सूत्रों ने इंडिया टुडे से पुष्टि की है कि ये कॉल इंटरसेप्ट्स उसे कराची में आईएसआई की ओर से मुहैया कराए महफूज ठिकाने से जुड़े हैं.
इसके अलावा इन इंटरसेप्ट्स से नदीम सैफी का दाऊद इब्राहिम से संभावित गठजोड़ भी बेनकाब होता है. बता दें कि नदीम सैफी खुद को हमेशा निर्दोष बताते हुए कहता रहा है कि उसका गुलशन कुमार हत्याकांड से किसी भी तरह से जुड़ाव नहीं रहा है.
नदीम सैफी इस मामले में मुंबई पुलिस की ओर से एकत्र किए गए सबूतों को भी खारिज करता रहा है. यह भी बता दें कि अभी तक नदीम सैफी के जितने भी प्रत्यर्पण के प्रयास हुए हैं, उनसे बचने में नदीम सफल रहा है.
इंडिया टुडे के पास मौजूद इंटरसेप्ट्स इन अटकलों को भी खारिज करते हैं कि दाऊद गंभीर बीमारियों के चलते मरणासन्न है. इसी साल ईद पर जब दाऊद को उसके एक रिश्तेदार ने दुबई से फोन किया था तो दाऊद ने उसे हड़काने के अंदाज में उस नंबर पर फिर फोन नहीं करने के लिए कहा था.
इंटरसेप्ट्स में दाऊद को आशंका जताते सुना जा सकता है कि उसकी लोकेशन को भारतीय खुफिया एजेंसियां ट्रैक कर लेंगे.
दाऊद- ‘तू वहां से फोन क्यों करता है.’
रिश्तेदार- ‘जी..जी...’
दाऊद- ‘वहां से फोन नहीं करा कर, ठीक है फिर बात करूंगा.’
इंडिया टुडे ने इन इंटरसेप्ट्स को देश के कुछ ऐसे दिग्गज इंवेस्टीगेटर्स को सुनाया जिनका दाऊद इब्राहिम के अंडरवर्ल्ड के खिलाफ बड़े ऑपरेशन्स का रिकॉर्ड रहा है. दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने अपनी किताब ‘डॉयल डी फॉर डॉन’ में दाऊद से हुई बातचीत का जिक्र किया है.
नीरज कुमार इंडिया टुडे के पास मौजूद इंटरसेप्ट्स को सुनने के बाद इसी निष्कर्ष पर पहुंचे कि इनमें एक आवाज दाऊद इब्राहिम की ही है. ठाणे की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में तैनात एसीपी एन टी कदम भी ऑडियो क्लिप को सुनने के बाद इसमें एक आवाज को दाऊद की ही बताते हैं. महाराष्ट्र एंटी टेरर स्क्वॉड में आठ साल तैनात रह चुके कदम ने कहा, ‘आवाज दाऊद इब्राहिम की ही लगती है.’