असम में 46 मौलवियों ने साल 2015 में म्यूजिकल रिएलिटी टीवी शो इंडियन आइडल जूनियर की फर्स्ट रनर अप रहीं नाहिद आफरीन के खिलाफ फतवा जारी किया है. इन फतवों पर नाहिद का कहना है कि वह इससे नहीं डरतीं और ताउम्र गाती रहेंगी तथा कार्यक्रम पेश करती रहेंगी.
मुस्लिम संगठनों के मौलवियों ने नाहिद के खिलाफ फतवा जारी करते हुए उन्हें मंच पर प्रस्तुति देने से मना किया है. उनका कहना है कि किसी भी लड़की का मंच पर प्रस्तुति देना शरिया कानूनों के खिलाफ है.
आफरीन ने इस बारे में मीडिया से कहा, 'फतवे के बारे में सुनकर मैं पूरी तरह टूट गई थी. लेकिन मैं गाना नहीं छोड़ूंगी. मुझे अपने समर्थन में असम के लोगों और विभिन्न संगठनों के सैकड़ों फोन कॉल और संदेश मिले हैं.'
अफरीन 2015 में 'इंडियन आइडल जुनियर' में रनरअप रही थीं. सोनाक्षी सिन्हा स्टारर फिल्म 'अकीरा' से बॉलीवुड में सिंगिंग शुरू करने वाली नाहिद ने कहा, 'असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुझसे बात की और मुझे न डरने को कहा. उन्होंने 25 मार्च को उदाली में होने जा रहे मेरे कार्यक्रम के दौरान मुझे सुरक्षा देने का आश्वासन भी दिया है.'
आफरीन ने कहा, 'मैं एक गायिका हूं और संगीत मेरी जिंदगी है. अल्लाह ने मुझे इस आवाज से बख्शा है और अगर मुझे गाने नहीं दिया गया तो मैं मर जाऊंगी.'
Freedom of artists are essence of democracy. Spoke to Nahid and reiterated our Govt's commitment to provide safety and security to artists.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) March 14, 2017
We strongly condemn putting restrictions on performance by young talented singer Nahid Afrin by some organisations.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) March 14, 2017
असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'कलाकारों की आजादी लोकतंत्र का सार है. नाहिद से बात की और कलाकारों को सुरक्षा देने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.'
इस बीच, असम के कई संगठन और कई लोग नाहिद के समर्थन में और उन्हें जारी किए गए फतवे के खिलाफ खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा कि असम के लोग गायिका को सुरक्षा प्रदान करेंगे.