नंदिता दास की फिल्म मंटो के लिए दर्शकों का इंतजार शुक्रवार को खत्म हो गया. विवादित कहानीकार सआदत हसन मंटो की बायोपिक मंटो लंबे समय से चर्चा में है. इस फिल्म पर नंदिता ने सालों से काम कर रही थीं, लेकिन जब शुक्रवार को फिल्म का मॉर्निंग शो कैंसिल हो गया तो वे आहत हो गईं और उन्होंने टि्वटर पर अपनी भड़ास निकाली.
पीवीआर सिनेमाज को शुक्रवार को टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से मॉर्निंग शो कैंसिल करना पड़ा. ऐसा किया जाना नंदिता को पसंद नहीं आया. उन्होंने टि्वटर पर लिखा, "बहुत निराशा हुई. छह साल का काम और कई लोगों का संयुक्त प्रयास और कमिटमेंट को आज सुबह अंजाम तक पहुंचना था. मुझे वायकॉम 18 मूवीज द्वारा आश्वस्त किया गया कि इसे दोपहर के शो पर फिक्स किया जाएगा. कृपया हमें बताएं यदि ऐसा नहीं होता है. मंटोइयत का फैलना नहीं रुकेगा."
हालांकि, पीवीआर ने फैन्स और डायरेक्टर को भरोसा दिलाया है कि टेक्निकल प्रॉब्लम को सॉल्व किया जा रहा है. मंटो पर नंदिता लंबे समय से मेहनत कर रही हैं. शुक्रवार को फिल्म रिलीज होने के बाद वे दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्सुक हैं.Hugely disappointed... 6 years of work & many people's collective intent & commitment was to find its culmination this morning. Am assured by @Viacom18Movies it will be fixed at noon today. Pls let us know if it hasn’t been. Spreading #Mantoiyat will not stop! https://t.co/kuwWcn5Xa8
— Nandita Das (@nanditadas) September 21, 2018
बता दें कि मंटो उर्दू के लेखक-पत्रकार थे. उनका जन्म 11 मई 1912 को अविभाजित भारत में हुआ था. बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा टेक सिंह जैसी कहानियों के लिए मंटो याद किए जाते हैं. कहानियों में अश्लीलता के आरोप की वजह से मंटो को मुकदमे भी झेलने पड़े थे. मंटो काफी दिन मुंबई रहे और पाकिस्तान बनने के बाद वहीं चले गए. मंटो ज्यादा दिन नहीं जिए, 1955 में उनका निधन हो गया.