बॉलीवुड में यौन शोषण और कास्टिंग काउच के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन खड़ा हो गया है. जिन लोगों पर आरोप लग रहे हैं, उन्हें काम से अलग किया जा रहा है. अन्य लोगों ने भी ये तय किया है कि यदि कोई इस तरह के आरोपों का दोषी पाया जाता है तो उसे काम से बाहर कर दिया जाएगा. कुछ महिला फिल्मकारों ने खुले तौर ये ऐलान किया है.
नंदिता दास, मेघना गुलजार, अलंकृता श्रीवास्तव, कोंकणा सेन शर्मा, गौर शिंदे, नित्या मेहरा, रीमा कागती, जोया अख्तर, रुचि नरेन, सोनाली बोस और किरण राव ने तय किया है कि वे यौन शोषण के दोषी किसी भी कलाकार के साथ कभी काम नहीं करेंगी.
Let's make it a better world. #MeTooIndia pic.twitter.com/9AUXZrdQgA
— Alankrita Shrivastava (@alankrita601) October 14, 2018
If the system worked for women we would not need a #meToo All those saying that complaints must be routed through the system are missing the point entirely. The system has always protected the aggressor and perpetuated a culture of silence and victim shaming.
— Alankrita Shrivastava (@alankrita601) October 7, 2018
फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने एक नोट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है- महिला और फिल्मकार होने के नाते हम MeToo मूवमेंट का समर्थन करते हैं. हम उन महिलाओं के लिए एकजुट हैं, जो यौन शोषण के खिलाफ पूरी ईमानदारी से सामने आई हैं.
बता दें कि नाना पाटेकर, साजिद खान और विकास बहल सहित कई सेलेब्स पहले ही मौजूदा प्रोजेक्ट से बाहर हो चुके हैं. नाना का कहना है कि वे फिल्म सेट पर किसी अन्य को परेशानी में नहीं डालना चाहते, इसलिए खुद हाउसफुल 4 से बाहर हो गए.