CAA-NRC के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शनों के बीच बॉलीवुड के भी कई सितारों ने भी अपना प्रोटेस्ट दर्ज कराया है. अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू, स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा, अली फजल, फरहान अख्तर जैसे सितारों ने सोशल मीडिया से सड़क तक इस कानून का विरोध किया है. सुपरस्टार दीपिका ने भी जेएनयू के लेफ्ट विचारधारा के स्टूडेंट्स के साथ जेएनयू पहुंचकर साइलेंट प्रोटेस्ट किया था. अब इस मामले में लेजेंडरी एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने भी अपनी राय रखी है. शाह सोशल मीडिया पर खास एक्टिव नहीं हैं लेकिन वे इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं.
हाल ही में एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने सीएए-एनआरसी पर कहा कि 'अगर भारत में 70 साल रहने के बावजूद ये साबित नहीं किया जा सकता है कि मैं इस देश का नागरिक हूं तो मुझे नहीं पता फिर किससे ये साबित होगा. मौजूदा दौर की बात करूं तो मैं ये कहना चाहता हूं कि मैं किसी से डरता नहीं हूं, ना ही मैं बैचेन हूं लेकिन मैं बेहद गुस्सा हूं.' गौरतलब है कि नसीरुद्दीन शाह के परिवार के कुछ सदस्य आर्मी और भारतीय प्रशासन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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हमें मत समझाओ हमारी जिम्मेदारियां, हम समझते हैं: शाह
उन्होंने कहा कि 'मैं ट्विटर पर नहीं हूं. ये लोग जो ट्विटर पर हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि ये अपना मन बना चुके हैं कि वे किस चीज में विश्वास करते हैं. अनुपम खेर इस मामले में काफी मुखर रहे हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें गंभीरता से लेने की जरुरत है. वो एक जोकर हैं, एनएसडी, एनएफटीआईआई के दौर के उनके कई समकालीन लोग उनके साइकोपैथ नेचर के बारे में बता सकते हैं, ये उनके खून में है. लेकिन बाकी लोग जो इनका समर्थन कर रहे हैं उन्हें फैसला करना चाहिए कि आखिर वे किसका सपोर्ट कर रहे हैं. उन्हें हमें हमारी जिम्मेदारी बताने की जरुरत नहीं है, हम जानते हैं कि हमारी जिम्मेदारियां क्या हैं.'
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उन्होंने बॉलीवुड के बारे में बात करते हुए कहा, फिल्म इंडस्ट्री में भी यंग डायरेक्टर्स और एक्टर्स इस कानून के खिलाफ खड़े हुए हैं. हालांकि इंडस्ट्री के सुपरस्टार्स का इस मामले में चुप्पी साधना किसी भी तरह से मुझे सरप्राइज नहीं करता है. उन्हें लगता है कि उनके पास खोने के लिए काफी कुछ है. लेकिन देखा जाए तो दीपिका के लिए भी खोने के लिए काफी कुछ था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रिस्क लिया और स्टूडेंट्स के साथ हुई हिंसा के खिलाफ समर्थन में खड़ी हुईं.' उन्होंने इसके अलावा पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वे खुद कभी स्टूडेंट नहीं रहे हैं, यही कारण है कि पीएम मोदी छात्रों और बुद्धिजीवियों के प्रति बेहद असंवेदनशील रवैया अपना रहे हैं.'