वर्ष 2007 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. इस बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड मिला है तमिल अभिनेता प्रकाश राज को 'कांचीवरम' फिल्म के लिए. प्रकाश राज को इससे पहे 1998 में 'इरुवर' फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड मिला था.
उमाश्री बनी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड मिला है उमाश्री को कन्नड़ फिल्म 'गुलाबी टॉकीज' के लिए. शाहरुख की फिल्म 'चक दे' को फिल्म को मनोरंजन वर्ग में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्जा मिला है. आमिर की फिल्म 'तारे जमी पर' को परिवार कल्याण के वर्ग में अवार्ड मिला है. 'तारे जमी पर' के गाने मेरी मां के लिए शंकर महादेवन को पार्श्व गायन में अवार्ड मिला है. तमिल फिल्म 'कांचीवरम' सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित हुई है. अभिनेत्री उमाश्री को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है जबकि दर्शन जरीवाला को फिरोज अब्बास की फिल्म 'गांधी माई फादर' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. निर्देशक अदूर गोपालाकृष्णन सर्वश्रेष्ठ निर्देशक चुने गए. प्रसून जोशी को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का अवार्ड मिला है जबकि फिल्म 'जब वी मेट' को बेस्ट कोरियोग्राफी का पुरस्कार दिया गया है.
अदूर गोपालकृष्णन सर्व़श्रेष्ठ निर्देशक
मशहूर फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन ने मलयालम फिल्म ‘नाल्लु पेन्नुगल’ के लिये सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता जो उनका सातवां राष्ट्रीय पुरस्कार है. फराह खान की सुपरहिट फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के लिये साबू साइरिल को सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक चुना गया. भावना तलवार की फिल्म ‘धरम’ को राष्ट्रीय अखंडता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के नरगिस दत्त पुरस्कार के लिये चुना गया. किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म का पुरस्कार हिन्दी फिल्म ‘फ्रोजन’ को दिया गया है. सामाजिक मसलों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार हिन्दी फिल्म ‘अंर्तद्वंद ’ ने जीता. सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मराठी फिल्म ‘टिंग्या’ के लिये शरद गोयेकर को दिया गया हालांकि इस वर्ग में ‘तारे जमीं पर’ फेम दर्शील सफारी भी प्रबल दावेदार थे. सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार ‘गांधी माइ फादर’ के लिये फिरोज अब्बास खान को मिला. सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार मलयालम फिल्म ‘ओरे कदाल’ के लिये ओसेप्पचन ने जीता. वहीं रजनीकांत की बहुचर्चित फिल्म ‘शिवाजी’ को सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव के पुरस्कार के लिये चुना गया.
‘द लास्ट लीयर’ बनी सर्व़श्रेष्ठ अंग्रेजी फिल्म
अमृत सागर की ‘1971’ और रितुपर्णो घोष की ‘द लास्ट लीयर’ को क्रमश: सर्वश्रेष्ठ हिन्दी और अंग्रेजी फीचर फिल्म चुना गया. सर्वश्रेष्ठ गैर फीचर फिल्म का पुरस्कार अंग्रेजी और हिन्दी में बनी ‘होप डाइस लास्ट इन वार’ को मिला. इस वर्ग में बांग्ला फिल्म ‘लाल जूतो’ के लिये श्वेता मर्चेंट को किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म का पुरस्कार मिला. सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन का पुरस्कार बी डी गर्ग की किताब ‘फ्रॉम राज टू स्वराज: द नॉन फिक्शन फिल्म इन इंडिया’ ने जीता. भारत में गैर फीचर फिल्मों का सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संदभों’ में विवेचन करती इस किताब का प्रकाशन पेंग्विन ने किया है. सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक वी के जोसफ (मलयालम) को चुना गया. फीचर फिल्म वर्ग की चौदह सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता मशहूर फिल्मकार सई परांजपे ने की. वहीं डॉक्यूमेंटरी निर्माता अशोक विश्वनाथन गैर फीचर फिल्म वर्ग की जूरी के अध्यक्ष थे. लेखिका नमिता गोखले सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन की जूरी की अध्यक्ष थी. विजेताओं का चयन 102 फिल्मों और 106 गैर फीचर फिल्मों में से किया गया. जूरी ने तीन सप्ताह की बैठकों के बाद अपनी रिपोर्ट सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को सौंपी.