सआदत हसन मंटो साहित्य का वो नाम हैं जिन्हें वक्त के आगे का लेखक माना जाता है. उन्होंने उस दौर में समाज के संवेदनशील मुद्दों को अपनी कहानियों में बेबाकी से पेश किया, जब ऐसे विषय पर लोग खुलकर बात भी नहीं करना पसंद करते थे. मंटो दुनियाभर में लोकप्रिय हैं. उनका आज ही के दिन यानी 11 मई, 1912 को समराला (लुधियाना से 30 किमी दूर पंजाब में ) में हुआ था.
मंटो के काम को जीवंत रखने के लिए समय-समय पर उनके उपन्यास, कहानियों पर फिल्में बनती रही हैं. अब अलग तरह की फिल्मों में अभिनय और निर्देशन के लिए मशहूर नंदिता दास ने मंटो के जीवन पर 'मंटो' टाइटल से ही फिल्म बनाई है. इसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मंटो का किरदार निभाया है. 2017 में फिल्म का ट्रेलर आया था. ये फिल्म बनकर तैयार है.
भारत में रिलीज से पहले इसे 13 मई को कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया जाएगा.
मंटो ने समाज को अलग तरह से देखा, कहे जाते थे अफसानों के उस्ताद
बता दें कि 'मंटो' को साल 2018 के कान्स फिल्म फेस्टिवल के अनसर्टेन रिगार्ड सेशन की प्रतियोगिता श्रेणी के लिए चुना गया है. इस दौरान फिल्म का प्रदर्शन होगा. भारत में फिल्म की रिलीज को लेकर पिछले साल नंदिता ने कहा था - इसे साल 2018 के मध्य में रिलीज किया जाएगा. हालांकि इस साल भारत में ये फिल्म कब रिलीज होगी, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
नवाज के अलावा फिल्म में रसिका दुग्गल, ऋषि कपूर, स्वरा भास्कर, रणवीर शौरी और ताहिर बाशिन ने भी अभिनय किया है. फिल्म का संगीत जाकिर हुसैन ने दिया है. फिल्म का निर्माण संयुक्त रूप से वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, फिल्मस्टॉक और एचपी स्टूडियो ने किया है.
कॉन्स फिल्म फेस्टिवल पहुंची नवाज की 'मंटो', कब होगी भारत में रिलीज?
वैसे नंदिता से पहले भी 2015 में पाकिस्तानी सिनेमा में मंटो के जीवन पर आधारित फिल्म बन चुकी है. इस उर्दू फिल्म का निर्देशन सरमद ने किया था. सरमद ने खुद मंटो का मुख्य किरदार निभाया था.
बॉलीवुड में सआदत हसन मंटो के उपन्यास और कहानियों पर भी कई सारी फिल्में बनी हैं. साल 1946 में मंटो की कहानी पर आधारित एक फिल्म बनी था जिसका नाम 'शिकारी' था. फिल्म में आशोक कुमार ने लीड एक्टर की भूमिका की थी. इसके अलावा मंटो की कहानी काली सलवार पर भी साल 2002 में इसी नाम से एक फिल्म आई थी. इसका निर्देशन फरीदा मेहता ने किया था.