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हॉलीवुड मीडिया ने नवाजुद्दीन को कहा 'सुंदर', बाहर निकला एक्टर का दर्द

Nawazuddin Siddiqui फिलहाल मंटो की वजह से चर्चा में हैं. मशहूर लेखक मंटो के जीवन पर बनी इस फिल्म का निर्देशन नंदिता दास ने किया है. ये फिल्म भारत में रिलीज से पहले दुनियाभर के कई सिने समारोहों में दिखाई जा चुकी है. काफी प्रशंसा भी हुई. ये फिल्म भारत में 21 सितंबर को रिलीज की जाएगी.

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अपनी फिल्म के एक किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी
अपनी फिल्म के एक किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में होती है जिन्होंने अपनी प्रतिभा से मुकाम हासिल किया. हालांकि उन्होंने जिस तरह शुरुआत की थी, किसी को लगा नहीं होगा कि ये एक्टर कभी अभिनय और शोहरत के शीर्ष पर होगा. एक इंटरव्यू में नवाज ने अपने करियर और फ़िल्मी दुनिया को लेकर कई बातें कहीं. उन्होंने यह भी कहा कि वो फिल्मी दुनिया के चकाचौंध की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते.

नवाज ने कहा, "मैं फिल्मी चकाचौंध के मायाजाल की परवाह नहीं करता. लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं रुपयों के बारे में नहीं सोचता. यह (रुपया) बड़ी व्यावसायिक फिल्मों से ही आता है."

आईएएनएस के साथ इंटरव्यू में नवाजुद्दीन का एक दर्द भी उभर कर सामने आया. दरअसल, हॉलीवुड के पत्रकारों ने हाल ही में उन्हें 'सुंदर' कहा. मीडिया ने एक्टर की तुलना इतालवी अभिनेता मार्सेलो मास्ट्रोइआनी से की. इस पर नवाज ने कहा, "अमेरिकन सिनेमा पर किताबें छापने वाले सर्वश्रेष्ठ प्रकाशनों में से एक ने मुझे सुंदर बताया. इसे मैं तवज्जो देता हूं. मुझे कभी मेरे अपने देश में सुंदर नहीं बुलाया गया, लोगों द्वारा नहीं, मेरा काम पसंद करने वाले समीक्षकों द्वारा भी नहीं. इसलिए यह बड़ी बात है."

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नवाज ने कहा, "रही बात मार्सेलो मास्ट्रोइआनी से तुलना की तो वह बहुत अच्छे अभिनेता हैं. कुशल और दिलचस्प. जब मैं उन्हें निर्देशक विटोरियो डी सिका की फिल्म में एक्टिंग करते देखता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है कि अभिनय में इस स्तर की वास्तविकता भी हो सकती है."

मंटो के किरदार पर की बात

मंटो में अपनी एक्टिंग को लेकर नवाज ने कहा, "मैंने सआदत हसन मंटो की तरह जितना संभव हो सका उतना शांत और नियंत्रित रहने की कोशिश की. मंटो ने कभी ऊंची आवाज में बात नहीं की, फिर भी उन्हें लोगों को अपनी बात बताने में कभी परेशानी नहीं हुई. हम जितनी ऊंची आवाज में बात करते हैं अपनी पहचान खोने की, अपनी असुरक्षा की भावना उजागर करते हैं. हम भारतीय भी ऊंची आवाज में बात करते हैं."

उन्होंने कहा, "अपनी दोस्त तनिशा चटर्जी की फिल्म की शूटिंग के लिए मैं करीब डेढ़ महीने रोम में था. तब मैं मार्सेलो मास्ट्रोइआनी को समर्पित संग्रहालय उनकी फिल्मों की कलाकृतियां देखने, उनके जीवन का अनुभव लेने गया जो मेरे लिए अद्भुत रहा. अशोक कुमार और देव आनंद जैसे हमारे महान अभिनेताओं के संग्रहालय कहां हैं."

किस तरह की एक्टिंग पसंद करते हैं नवाज

अन्य अभिनेताओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, "मैं अभिनेताओं की प्रशंसा नहीं करता. मैं प्रदर्शन की प्रशंसा करता हूं. मैंने हांगकांग की फिल्म 'इन द मूड फॉर लव' देखी और मैं टोनी लेउंग के अभिनय का स्तब्ध रह गया. मुझे लगता है कि 'बर्डमैन' में मिशेल कीटन का अभिनय शानदार था, लेकिन मुझे 'द वॉल्फ ऑफ द वालस्ट्रीट' में लियोनार्डो डिकैप्रियो का अभिनय सबसे ज्यादा पसंद है. मुझे प्रस्तुति में अनिश्चितता पसंद है."

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