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महिला आयोग को नहीं दिखाएंगे 'एक थी डायन'

फिल्म ‘एक थी डायन’ के निर्माता विशाल भारद्वाज और एकता कपूर ने महिला आयोग की ‘एक थी डायन ’ देखने की मांग को नज़रंदाज करते हुए उन्हें फिल्म न दिखाने का फैसला किया है.

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फिल्म ‘एक थी डायन’ के निर्माता विशाल भारद्वाज और एकता कपूर ने महिला आयोग की ‘एक थी डायन ’ देखने की मांग को नज़रंदाज करते हुए उन्हें फिल्म न दिखाने का फैसला किया है. दरअसल विकन संप्रदाय को माननेवाली इप्सिता रॉय चक्रवर्ती ने एक थी डायन को महिलाओं के लिए अपमानजनक बताते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ महिला आयोग से की थी. इप्सिता की शिकायत के मद्देनज़र महिला आयोग ने फिल्म रिलीज से पहले इसे देखने की मांग की थी जिसे विशाल और एकता ने ठुकरा दिया. उनका मानना है कि सेंसर बोर्ड के अलावा किसी और आयोग को फिल्म दिखाना सही नहीं है.

इस मुद्दे पर अपनी राय देते हुए विशाल ने कहा, "हम पहले ही सेंसर बोर्ड को अपनी फिल्म दिखा चुके हैं और उन्होंने इस पर बिना कोई विरोध जताते हुए इसे पास कर दिया. मैं समझता हूं हमारी फिल्मों के लिए सबसे बडी अथॉरिटी सेंसर बोर्ड है अगर हम उनके फैसले की अवमानना करते हुए किसी अन्य आयोग को फिल्म दिखाते हैं तो यह सेंसर बोर्ड की स्थिति और फैसले का अनादर करना होगा. इसके अलावा हम यह भी बताना चाहते हैं कि इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं जिससे महिलाओं का अपमान हुआ हो. इसके लिए हमने फिल्म की शुरुआत में डिस्क्लेमर भी डाल दिया है. दिलचस्प बात तो यह है कि सेंसर बोर्ड की टीम में सात लोगों में छह महिलाएं थी."

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