फिल्म इंडस्ट्री में अगर बहुत कम ही ऐसे एक्टर्स हैं जिनकी एक्टिंग लोगों के दिलो दिमाग में घर कर जाती है, उनमें से एक नाम नवाजुद्दीन सिद्दीकी. फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'बजरंगी भाईजान', 'माउंटेन मैन' जैसी फिल्मों के साथ अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जल्द ही दो बड़ी फिल्में 'रमन राघव' और 'रईस' रिलीज होने जा रही हैं. नवाजुद्दीन से हाल ही में इन फिल्मों को लेकर हुई खास बतचीत के पेश हैं कुछ अहम अंश:
इनदिनों कहां व्यस्त हैं आप?
अभी तो फिलहाल मैं सोहेल खान की फिल्म 'अली' की शूटिंग कर रहा हूं. इसके अलावा गोल्फ खेलते हुए इन दिनों पुणे में फिल्म की शूटिंग कर रहा
हूं.
आपकी फिल्म 'TE3N' की भी काफी चर्चा है, हाल ही में एक पोस्टर भी रिलीज हुआ है?
मैं फिल्म 'TE3N' में एक पादरी का किरदार निभा रहा हूं जिसकी अपनी एक दुविधा है, वहीं बच्चन साब के किरदार की अपनी कश्मकश है. एक
तरह से इमोशनल थ्रिलर है. विद्या बालन भी एक अलग किरदार में हैं.
आपको इंडस्ट्री की तरफ से अब ज्यादा स्वीकारा जा रहा है, इस बदलाव को कैसे देखते हैं?
बहुत ही अच्छा है, इतने सालों के बाद जो मुझे स्वीकारा गया है, बहुत ही मजबूत सराहना है. सिनेमा में बदलाव आ रहा है. एक्टर के काम करने में
बदलाव है, मेरे लिए ये काफी फायदेमंद है.
दर्शक आपसे कनेक्ट करने लगे हैं, इसे कैसे देखते हैं?
दर्शक बहुत जल्दी समझ जाते हैं क्योंकि वो फिल्म को बस मनोरंजन के लिए देखते हैं. मैं खुद भी ऐसी फिल्में करना पसंद करता हूं जिसका सब्जेक्ट
थोड़ा अलग हो. दर्शकों का प्यार ही सबसे बड़ा अवॉर्ड होता है.
रमन राघव 2.0 की क्या कहानी है?
मैं इस फिल्म में सीरियल किलर 'रमन राघव' का किरदार निभा रहा हूं. 60 के दशक में उसका खौफ हुआ करता था. मैंने सुना है कि स्कूल के बच्चों
के सामने जब भी 'रमन राघव' का नाम लिया जाता था तो उनकी हालत खराब हो जाती थी. मैंने पढ़ा भी है. वो इंसान काफी अलग सोच रखता था. उसका
किरदार प्ले करना काफी मुश्किल था.
पिछले दिनों अनुराग कश्यप की फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' नहीं चली, क्या आपको लगता है वो 'रमन राघव 2.0' से वापसी करेंगे?
मुझे लगता है कि डायरेक्टर को प्रयोग करते रहना चाहिए, उन्होंने 'बॉम्बे वेलवेट' में बजट के हिसाब से प्रयोग किया, फिल्म को अलग तरह से बनाने
की कोशिश की और यकीन मानिए फेल वही होता है जो कुछ अलग करने की कोशिश करता है. मैं तो कहता हूं कि अनुराग अब बड़े से बड़े बजट के
साथ-साथ छोटे बजट की भी फिल्म बना सकते हैं. ये अनुराग की विशेषता है कि वो अपने आपको हर किस्म की फिल्म के अनुसार ढाल लेते हैं.
आपके किरदार हर फिल्म में अलग और अनोखे होते हैं चाहे 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' हो, 'किक' हो, 'बजरंगी भाईजान' या फिर 'माउंटेन मैन'?
देखिए मैं अपनी फिल्मों में बहुत सारे प्रयोग करना चाहता हूं, मुझे वो टिपिकल रोमांस में नहीं बंधना है, अभी ऐसा समय है जब अलग-अलग तरह
की स्क्रिप्ट लिखी जा रही हैं, तो मैं उसका भरपूर फायदा उठा रहा हूं. जैसे अभी सोहेल खान की फिल्म में रोमांस है, फिर 'रमन राघव' में सीरियल किलर
हूं. अगर मैं अलग-अलग किरदार नहीं करता, तो शायद जल्दी बोर हो जाता, क्योंकि वो मुझे 9-5 का जॉब लगने लगता है, जिसे छोड़ कर मैं मुंबई आया
था.
आपकी फिल्म 'रईस' भी आने वाली है?
'रईस' में मुझे एक पुलिसवाले का काम दिया गया है, जिसकी शाहरुख खान के साथ काफी अलग केमेस्ट्री है. यह फिल्म काफी इंट्रस्टिंग फिल्म होने
वाली है.
कोई ऐसी तमन्ना जिसका पूरा होने का अभी आपको इंतजार है?
ऐसी कोई तमन्ना नहीं है, जब कुछ बिना चाहत के मिलता है तो वो सरप्राईज काफी अलग लगता है.
हॉलीवुड की तरफ रुझान है?
हॉलीवुड की तरफ कोई रुझान नहीं है क्योंकि इस वक्त जो हमारे यहां फिल्में बन रही हैं वो किसी भी तरह से हॉलीवुड से कम नहीं हैं. 'रमन राघव'
'लंच बॉक्स' जैसी फिल्में बहुत ही अलग लेवल पर हैं. मुझे जरूरत नहीं है कि मैं बाहर का ठप्पा लगवाऊं तभी एक्टर कहलाऊं. हॉलीवुड में भी साल में 5-6
ही अच्छी फिल्में बनती हैं. अगर कभी कोई हॉलीवुड फिल्म आसानी से मेरे पास आई तो कर लूंगा.
अवॉर्ड्स से कितना इत्तेफाक रखते हैं?
अवार्ड से आपको कोई फायदा नहीं होता. जिस दिन आपको अवार्ड मिलता है बस उसी दिन की खुशी होती है और डायरेक्टर कभी भी आपको अवॉर्ड्स
के आधार पर काम नहीं देता.