इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने चार हिन्दी फिल्मों पीपली लाइव, गंगाजल, ओमकारा व बैंडिट क्वीन के निर्माताओं व निर्देशकों समेत केंद्रीय फिल्म प्रमाणपत्र बोर्ड को नोटिस जारी किया है.
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह व न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार दीक्षित की खंडपीठ ने यह आदेश एक स्थानीय वकील अशोक पांडेय की याचिका पर दिया.
याचिकाकर्ता ने इन फिल्मों में गालियों व असंसदीय भाषा का प्रयोग होने का आरोप लगाते हुए इनको दिखाए जाने संबंधी प्रमाणपत्र को रद्द करने का आग्रह किया है.
याचिकाकर्ता ने सिनेमाटोग्राफी कानून 1952 की धारा 5-बी का उल्लंघन करने के लिए फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष समेत सदस्यों को बख्रास्त करने के निर्देश केन्द्र सरकार को देने का भी अनुरोध किया है.
अदालत ने इस मामले में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणपत्र बोर्ड के सचिव, अध्यक्ष शर्मिला टैगोर, फिल्म पीपली लाइव के निर्माता आमिर खान, किरण राव, निर्देशक अनुशा रिजवी, फिल्म गंगाजल के निर्माता निर्देशक प्रकाश झा, फिल्म ओमकारा के निर्माता कुमार मंगत, निर्देशक विशाल भारद्वाज, फिल्म बैंडिट क्वीन के निर्माता संदीप एस बेदी, निर्देशक शेखर कपूर को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी.