रंगरसिया छह साल बाद इस दीवाली पर रिलीज होने जा रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि केतन मेहता की इस फिल्म के रिलीज होने की राह इतनी आसान नहीं है. यह फिल्म मशहूर चित्रकार राजा रवि वर्मा के जीवन पर आधारित है.
खबर है कि शादी कर न्यूयॉर्क बस चुकीं फिल्म की हीरोइन नंदना सेन ने फिल्म प्रमोशन में एक नई मुश्किल खड़ी कर केतन मेहता की नींद उड़ा दी है. इस बात से सभी वाकिफ हैं कि फिल्म में राजा रवि वर्मा बनें रणदीप हुड्डा और उनकी प्रेरणा सुगंधा बाई बनीं नंदना सेन के बीच कई अंतरंग दृश्य हैं, जो शूटिंग के दौरान ही चर्चा का विषय बने थे.
फिल्म से सूत्रों का कहना है कि उन अंतरंग दृश्यों को देखते हुए फिलहाल अपनी शादीशुदा खुशहाल ज़िंदगी में कोई अड़चन न आए इसके लिए नंदना सेन ने पोस्टर रिलीज से पहले केतन मेहता से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की पेशकश की है. साथ ही उनका यह भी फरमान है कि उनकी अनुमति के बिना मेकर्स पोस्टर पर उनकी कोई अंतरंग तस्वीर नहीं जारी कर सकते.
जब से नंदना सेन न्यूयॉर्क के नामी पब्लिशर जॉन मैकिंसन से शादी कर न्यूयॉर्क में बसी हैं तब से नंदना और केतन के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. अब जब रंगरसिया के जरिए केतन मेहता ने उन्नीसवीं सदी के मशहूर पेंटर राजा रवि वर्मा और उनकी प्रेरणा सुगंधा बाई की प्रेम कहानी को इस दीवाली दर्शकों के सामने लाने का फैसला किया है तो फिल्म के नये पोस्टर को रिलीज करने के लिए उनके पास नंदना के मुंबई लौटने का इंतजार करने के अलावा और कोई चारा नहीं रह गया है.
हालांकि इसे नंदना का समझदारी भरा कदम भी माना जा रहा है क्योंकि उन्हें लगता होगा कि छह साल बाद रिलीज होने जा रही अपनी इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए केतन किसी भी हद तक जा सकते हैं. जब छह साल पहले केतन ने यह फिल्म बनाई थी तब नंदना इस बात से इतनी परेशान नहीं थीं. उस समय उन्होंने यह कहा था, "न्यूडिटी दो रूपों में दिखाई जा सकती है. अगर आप नारी के शरीर को उपभोग की वस्तु के रूप में दिखाते हैं तो यह नारी का अपमान है लेकिन रंग रसिया में नारी शरीर के जरिए नारी शक्ति को दिखाया गया है.’"
अगर नंदना के नए कदम के संदर्भ में देखें तो इशारा मिल जाता है कि शादी के बाद नंदना की सोच में कितना बदलाव आ गया है. फिल्म के निर्माता जयंतिलाल गडा ने इस संबंध में कहा, ‘’जी हां यह बात सच है कि हमें नंदना की सहमति का इंतजार है. फिलहाल हम सब उनके मुंबई आने की राह देख रहे हैं जिससे उनकी सहमति से पब्लिसिटी की रूपरेखा बनाई जा सके.’’